यह दिन भारत के पांचवें प्रधान मंत्री, चौधुरी चरण सिंह, का जन्म को भी स्मरण करता हैं जो सरकार संभालने से पहले किसान ही थे।
भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है और चरण सिंह ने किसानों की स्थिति सुधारने के लिए विभिन्न कानूनों अपनाने में अहम् भूमिका निभाई।
चरण सिंह ने ऋण मोचन बिल को अंतिम रूप देने में अहम् भूमिका अदा की और लैंड होल्डिंग एक्ट को अमल में लाया, जो उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए भूमि जोत की सीमा को कम करना था।
उन्होंने सरकारी योजना में बदलाव भी लाया और किसानों को पिछले बाज़ार दरों से ज़्यादा खरीद मूल्य अदा किया ।
भारत के लगभग 70% ग्रामीण परिवार कृषि पर निर्भर हैं। देश दुनिया में दूध, दाल और जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है और चावल, गेहूं, गन्ना, मूंगफली, सब्जियां, फल और कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह मसालों, मछली, पोल्ट्री, पशुधन और वृक्षारोपण फसलों के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।
अधिकांश गेहूं भारतीय राज्यों हरियाणा और पंजाब में उगाया जाता है। एक अन्य प्रमुख कृषि उत्पाद चाय है, जो असम के पूर्वी भागों में, दार्जिलिंग में और दक्षिण में नीलगिरि और अन्नामलाई पर्वत श्रृंखला के आसपास के क्षेत्रों में उगाई जाती है।
फल उगाने का एक असामान्य तरीका कश्मीरियों द्वारा डल झील पर उपयोग किया जाता है। वे गुआनो से निषेचित कृत्रिम रूप से बनी मिट्टी के तैरते हुए खेत चलाते हैं।
बासमती चावल जिस के लिए भारत प्रसिद्ध है, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और हरियाणा में उगाया जाता है। हरयाणा में पूरे भारत की चावल की फसलों का लगभग 60% हिस्सा है।