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कोविड-19 के दो साल बाद भारत में धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार

भारतीयों ने इस साल लगभग सभी प्रमुख त्योहारों को बहुत उत्साह से मनाया, क्योंकि देश में महामारी कम हो गई है।
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दिसंबर के आखिरी दो हफ्ते भारत में त्योहारों एक नया सीजन चालू हो जाता है, क्योंकि लोग क्रिसमस और नए साल को बहुत जोश और उत्साह से मनाते हैं।
दो सालों के कोविद प्रकोप और विभिन्न एहतियाती प्रोटोकॉलों के बाद इस साल त्योहार बिल्कुल विशेष हैं।
हालांकि, मार्च से जून 2021 तक दूसरी लहर के दौरान वायरस के तबाह करने और हजारों लोगों की जान लेने के बावजूद, जनवरी 2021 में सरकार द्वारा सामूहिक टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने के बाद से देश में कोविड की स्थिति नियंत्रण पर रही है।
ईसाई त्योहार होने के बावजूद सभी धर्मों के लोग साथ में क्रिसमस मनाते हैं। इस मौके पर स्कूलों, समुदायों और अन्य स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस त्योहार के एक-दो दिन पहले इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
क्रिसमस पर भारत में चर्चों को पॉइंसेटिया फूलों, मोमबत्तियों, चमकते कागजों से बने सितारों और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है। ईसाई परंपरा के हिस्से के रूप में परिवार और दोस्तों के साथ मिडनाइट मास में भाग लेते हैं, विभिन्न भोजन (अक्सर बिरयानी, जो चावल और मांस से पकाया खाना हे) का आनंद लेते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
त्योहारी माहौल से सजे बाजार
इस साल लोग इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाने के लिए तैयार हैं, साथ ही बाजार उत्सव के मूड से सजाए गए हें।
दीवाली यानी रोशनी के हिंदू त्योहार जौहरियों को, मिठाई की दुकान के मालिकों को और कपडों की दुकान के मालिकों को खुशी लाता है, और क्रिसमस बेकर्स को, उपहार की दुकान के मालिकों को और अन्य लोगों को बड़ी खुशी लेकर आता है।
Sputnik से बात करते हुए द केक मास्टर्स के मालिक समर्थ मिश्रा ने कहा, "पिछले दो सालों की तुलना में इस साल हमें बहुत ऑर्डर मिले हैं। ऑर्डरों में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।"
हालांकि, उन्होंने कहा कि कोविड से पहले स्तर तक पहुंचने में समय लगेगा।
मिश्रा ने यह भी कहा कि आने वाले समय में उन्हें और सुधार देखने की संभावना है क्योंकि महामारी की स्थिति नियंत्रण पर है और कारोबार वापस सामान्य होने लगे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि हालांकि चीन में वायरस का ताजा प्रकोप चिंता का विषय है, आशा हे कि सरकार द्वारा तेजी से प्रतिक्रिया करने से स्थिति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी।
ग्लिटरज गिफ्ट शॉपी के मालिक ओम त्रिपाठी ने भी कहा कि जनता का डर कम हुआ है और स्थिति सामान्य हो गई है।

“प्रोटोकॉलों के अनुसार जब वायरस अपने चरम पर था तब लगभग सब कुछ बंद कर दिया गया था। लोगों का एक जगह से दूसरी जगह पर चलना प्रतिबंधित थी इसलिए उपहारों के आदान-प्रदान की परंपरा का पालन नहीं किया गया था। हालांकि, लोग अब अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाएंगे, इसलिए वे उपहार खरीद रहे हैं। यह सकारात्मक संकेत है और मुझे लगता है कि उपहार की दुकान का हर मालिक इस अंतर को महसूस कर रहा है।”

क्रिसमस और न्यू ईयर को लेकर बेकर्स और उपहार की दुकान वालों के अलावा कपडों की दुकान वाले भी काफी उत्साह महसूस करते हैं।
हैरी कलेक्शन के मालिक परवेश त्रिवेदी ने Sputnik को बताया कि उन्हें क्रिसमस और नए साल के दौरान बिक्री बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि आने वाले समय में सर्दियां सर्द हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि “पहले लोग क्रिसमस पर कुछ सजावटी चीजें, केक, कुकीज़ या अन्य चीजें उपहार के रूप में देते थे। अब वे अपने प्रेमीं के लिए कपड़े खरीदने में भी दिलचस्पी लेते हैं।"
त्रिवेदी ने आगे कहा कि लोग उपहार के रूप में ट्रेंडी जैकेट, जींस या गर्म टी-शर्ट खरीदते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे सर्दियों के मौसम में उपयोगी होंगे।
क्रिसमस की प्रार्थना के लिए चर्च तैयार हें
क्रिसमस के मौके पर लोगों का स्वागत करने के लिए बाजार ही नहीं बल्कि चर्च भी सजाए जाते हैं।
ईसाई चर्चों में होली मास का आयोजन किया जाता है जहां पैरिश सदस्य और उनके परिवार भाग लेंगे।

गाजियाबाद में जीवन ज्योति प्रार्थना भवन चर्च के पादरी अविनाश कुमार ने Sputnik को बताया, "इस साल हर कोई उत्साहित है क्योंकि लगभग दो सालों के अंतराल के बाद क्रिसमस बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा हे। बच्चों ने चर्च को सजाया। हमने कैरल गाए और दुनिया के कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना की।"

हालाँकि, उन्होंने चीन में कोविड के प्रकोप को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वायरस को नियंत्रण में रखने के बावजूद यह पूरी तरह नहीं गया है और हम सभी को सतर्क रहना हे।
कुमार ने यह भी कहा, "हमने होली मास के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखी है, और क्रिसमस समारोह में भाग लेने के दौरान लोगों से मास्क पहनने का आह्वान किया है।"

दिल्ली के एक अन्य चर्च के फादर ने कुमार के विचार पर सहमति व्यक्त करते हुए Sputnik को बताया कि सरकार की एहतियातों का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति का काम है।

पादरी ने कहा “दो साल बहुत कठिन और दर्दनाक थे क्योंकि हमने अपने प्रेम लोगों को घातक वायरस से लड़ाई हारते देखा। हम सभी लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ऊपरवाले से प्रार्थना करेंगे।”
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