भारत सरकार कोविड मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए विभिन्न सावधानियां बरतते हुए कोविड एक्शन मोड में चली गई है। भारत में अब लगभग 3,400 कोविद मामले हैं, लेकिन चीन में कोविद उछाल की खबरों के कारण चिंताबढ़ा दी हैै।
भारत ने कुल मिलाकर 4 करोड़ 46 लाख कोविड मामलों की सूचना दी है, जो अमेरिका के बाद कोविड मामलों की सूची में दूसरा सबसे बड़ा है।
हालाँकि, जुलाई से कोविद बीएफ.7 यानी ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट के केवल चार मामले सामने आए हैं। ओडिशा में एक और गुजरात में तीन संक्रमित लोगों की सूचना दी गई हे।
लेकिन त्योहारी सीजन आनेवाली हे जिसमें बहुत लोग हिस्सा लेंगे, इसलिए भारतीय अधिकारी अब बूस्टर खुराक लगाने को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
Sputnik ने हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल्स के इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. विश्वेश्वरन बालासुब्रमण्यन से वायरस के बारे में अधिक समझने के लिए बात करते हुए पूछा, कि क्या भारत को नए संस्करण को लेकर चिंतित होना चाहिए।
Sputnik: भारत में SARS-CoV-2 के दस प्रकार हैं, और बीएफ.7 नवीनतम है। हम बीएफ.7 के बारे में क्या जानते हैं, और यह दूसरे प्रकारों से कैसे अलग है ?
डॉ. बालासुब्रमण्यन: कोविड बीएफ.7 ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट है और चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों के बड़े फैलाव के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
यह वायरस पिछले ओमिक्रॉन प्रकारों जैसा ही है, यह बहुत जल्दी फैलता हे और बहुत लोगों को जल्दी प्रभावित करता है। वायरस की फैलने की क्षमता, जिसे R0 के रूप में मापा जाता है, लगभग 10-18.6 है।
[इसका मतलब है कि] कोई भी संक्रमित व्यक्ति अपने आसपास के 10-18.6 लोगों को संक्रमित कर सकता है। चूंकि इस वायरस की ऊष्मायन अवधि कम है, इसके कारण इसका तेजी से फैलाव हो सकता है और रोकथाम के उपाय चलाना कठिन हो सकता है।
Sputnik: यह रिपोर्ट किया गया है कि बीएफ.7 सबसे तेजी से फैलने वाला प्रकार है। प्रोटोकॉल की स्थिति में प्रसार से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
डॉ बालासुब्रमण्यन: इस संस्करण के प्रसार से बचने के लिए प्रोटोकॉल पहले के ही तरह हैं। सामाजिक दूरी और मास्क के उचित उपयोग की जरूरत हे। कम से कम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर और ऐसे लोगों के पास मास्क पहनना चाहिए जिनकी रोग प्रतिरोधक की शक्ति कम है, उदाहरण ले लिए, मधुमेह और क्रोनिक किडनी बीमारी से प्रभावित लोगों के पास।
इसके अलावा, टीकाकरण की बूस्टर खुराक लगाना, हाथों की स्वच्छता और बहुत लोगों के साथ एक वाहन में न बैठना वायरस के प्रसार को कम करने में मदद कर सकता हैं।
Sputnik: त्योहारी सीजन और दुनिया भर में यात्रा करने वाले लोगों से क्या हमें इस स्थिति में सतर्क रहना चाहिए?
डॉ. बालासुब्रमण्यन: हाँ, क्रिसमस और नया साल आ रहे हैं, हम सोचते हें मामलों में वृद्धि की आशंका तो हो ही सकती है। इसलिए लोगों को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए महामारी के सामाजिक नियम के मानदंड के पालन करना चाहिए।
Sputnik: सफल सामूहिक टीकाकरण के बावजूद, टीके और बूस्टर खुराक के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं। आप इस चिंताओं के बारे में क्या राय रखते हैं?
डॉ. बालासुब्रमण्यम: पर्याप्त वैज्ञानिकों ने कहा हे कि टीकाकरण के बारे में भ्रांतियां गलत हैं। इसलिए लोगों को सोशल मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्मों पर गैर-वैज्ञानिक जानकारी से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
टीकाकरण खुद को संक्रमण से बचाने का एकमात्र सिद्ध प्रभावी तरीका है और टीका लगाना जरूर चाहिए।
Sputnik: आपके विचार से क्या संघीय सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदम सही दिशा में हैं?
डॉ. बालासुब्रमण्यन: सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां संक्रमण के एक और उछाल को रोकने अपनी कमर कसके के पूर्ण रूप से प्रयासरत हैं । परंतु इसके बाबजुद जनमानस के पूर्ण सहयोग बहुत अत्यंत महत्वपूर्ण है, और सभी को उचित सावधानियां बरतनी चाहिए।