इससे पहले सोमवार को फाइनैन्शल टाइम्स अखबार ने विश्लेषणात्मक कंपनी विजिबल अल्फा के डेटा का हवाला देते हुए खबर दी थी कि मौजूदा तिमाही में अमेरिकी कॉरपोरेशन एप्पल का शुद्ध मुनाफा 8 फीसदी से ज्यादा कम होनेवाला है। इसका अर्थ है कि आईटी दिग्गज पिछली 14 तिमाहियों से पहली बार मुनाफा नहीं बढ़ाएंगा।
"संगरोध के दौरान सक्रिय रूप से तकनीकों को खरीदा गया था, और अब मांग में कमी आई है। दूसरी बात यह है कि वैश्विक आर्थिक संकट के बहुत संकेत सामने आए हैं, और ऐसी स्थिति में कई लोग बहुत पैसे खर्च करने से इन्कार करते हैं। इसके अलावा, चीन की कोविद को लेकर "शून्य सहिष्णुता" नीति नकारात्मक प्रभाव का कारण हुई। वह खुद और उसके खिलाफ विरोध के कारण आईफ़ोन 14 के सबसे बड़े असेंबलर को ठीक समय पर उत्पादन की मात्रा पूरा करने में समस्या मिली," बॉयको ने कहा।
विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि "यह संभव है कि कंपनी की आय का स्तर बनाए रखने के लिए कीमतों में थोड़ा वृद्धि होगी।"
दिसंबर की शुरुआत में वॉल स्ट्रीट जर्नल अख़बार ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि हाल के हफ्तों में ऐप्पल ने चीन के बाहर अपने उत्पादन के हिस्से के हस्तांतरण में तेजी लाई है। इसके साथ उसने अपने आपूर्तिकर्ताओं से विशेष रूप से भारत और वियतनाम सहित अन्य एशियाई देशों में उत्पादों की असेंबली को सक्रिय रूप से करने की अपील की है।
इसके अलावा वह कंपनी फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप के नेतृत्व में ताइवान के असेंबलरों से निर्भरता कम करने के लिए कदम उठा रही है। यह बताया गया कि कंपनी के निर्णय का कारण झेंग्झौ शहर में आईफ़ोन का उत्पादन करनेवाले कारखाने में हंगामा था।