जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों और नागरिकों की हत्याओं में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि घाटी में स्थिति में सुधार होने तक नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अभी जम्मू भेज दिया जाए और स्थिति में सुधार होने पर उन्हें वापस घाटी में लाया जाना चाहिए।
"मेरे कार्यकाल के दौरान हमने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को पंडितों को नौकरी देने का प्रस्ताव दिया था। लगभग 3,000 लोगों को नौकरी दी गई थी। लेकिन उस समय किसी ने उन्हें परेशान नहीं किया। लेकिन विगत महीनों में कई दुर्घटनाओं की सूचना मिली है," आजाद ने कहा।
डीएपी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने साथ ही कहा: "नौकरी जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकती। मुझे पता नहीं कि मौजूदा प्रशासन इसके बारे में क्या सोचता है, लेकिन अगर हम फिर से सत्ता में आएं, तो हम ऐसा करेंगे।"
गौरतलब है कि आजाद की ये टिप्पणी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तैयारी के बीच आया है। विदित है कि वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अंतर्गत मिले विशेष दर्जा हटाने के बाद घाटी में पहली बार चुनाव होंगे।
गौरतलब है कि आजाद की ये टिप्पणी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तैयारी के बीच आया है। विदित है कि वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अंतर्गत मिले विशेष दर्जा हटाने के बाद घाटी में पहली बार चुनाव होंगे।