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कोविड से निपटने के लिए आज देश भर में मॉक ड्रिल

दुनिया के कई देशों में कोविड के मामले में बेतहाशा वृद्धि के बाद भारत भी अलर्ट मोड में है। इसी सिलसिले में कोरोना से संबंधित किसी भी घटना से निपटने के लिए और तत्परता सुनिश्चित करने के लिए राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के अस्पतालों में मंगलवार को एक मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है।
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अभ्यास के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड की क्षमता, ऑक्सीजन-समर्थित बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर-समर्थित बेड, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स, आयुष डॉक्टरों की अधिकतम उपलब्धता सहित अन्य बातों का आकलन किया जाएगा।

"पूरे देश में सभी लोगों को उचित इलाज मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आज देश के सभी कोविड अस्पतालों में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इसमें सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री भी अपने स्तर पर हिस्सा लेंगे," केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा।

गौरतलब है कि दुनिया के अन्य देशों में बढ़ते कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने भारत में भी हलचल बढ़ा दी है। केंद्र सरकार की सलाह के बाद राज्य सरकारों स्तर पर चौकसी बढ़ा दी है। महाराष्ट्र सरकर ने एक टास्क फ़ोर्स गठन किया है वहीँ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य अधिकारीयों को निर्देश दिया है पॉजिटिव सैंपल का जीनोम सिक्वेंसिंग कराएं। इसके अलावा अन्य राज्य सरकार भी अपने स्तर पर सतर्कता बरत रही है ताकि कोविड से बेहतर ढंग से निपटा जाए।
इसी सिलसिले में सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंडाविया ने सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ वर्चुअल बैठक की थी। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना की स्थिति और तैयारियों के संबंध जानकारी ली थी। उन्होंने कहा था कि देश के सभी कोविड अस्पतालों में एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसमें सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री भी अपने स्तर पर हिस्सा लेंगे।
याद रहे कि यह ड्रिल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्ष 2021 के अप्रैल-मई में कोरोना के दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट से जब मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी उस दौरान देश भर ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई थी। उस समय भारत सरकार ने विदेशों से भारी मात्रा में युद्ध स्तर पर ऑक्सीजन का आयात किया था। कोविड केस में वृद्धि होने पर फिर से किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधा में कमी न रह जाए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है।
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