भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति के लिए चीन को दोषी ठहराया और समझौते की अवहेलना करने के लिए पड़ोसी देश की आलोचना की।
"चीन के साथ हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल नहीं देने के समझौते थे। नियंत्रण रेखा को एकतरफा नहीं बदलने का समझौता था, जिसे उन्होंने एकतरफा बदलने की कोशिश की है नतीजतन वर्तमान में सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति है," भारतीय मीडिया ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा।
दरअसल जयशंकर ने पहले जोर देकर कहा था कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा बदलाव किए जाने की किसी भी कोशिश से भारत सहमत नहीं होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि नई दिल्ली के बीजिंग के साथ संबंध "सामान्य नहीं" हैं और मुख्य मुद्दों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
बता दें कि भारतीय सेना के अनुसार, पिछले वर्ष 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे, जिसमें "दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं"। जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच अब तक कमांडर स्तर पर 17 दौर की बातचीत हो चुकी है।