केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (KSCPCR) ने राज्य के स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे स्कूल के शिक्षकों को उनके जेंडर की परवाह किए बिना 'सर' या 'मैडम' के बजाय 'शिक्षक' के रूप में संबोधित करें।
जानकारी के मुताबिक, बाल अधिकार पैनल ने एक याचिकाकर्ता की अपील पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। याचिकाकर्ता का कहना था कि सर और मैडम कहने से शिक्षकों के बीच भेदभाव होता है। इस भेदभाव को खत्म किया जाना चाहिए।
पैनल के अध्यक्ष केवी मनोज कुमार और सदस्य सी विजयकुमार की पीठ ने सामान्य शिक्षा विभाग को राज्य के सभी स्कूलों में 'शिक्षक' शब्द का इस्तेमाल करने के निर्देश देने का आदेश दिया। आयोग ने कहा कि सर या मैडम के बजाय "शिक्षक" कहने से सभी स्कूलों के बच्चों के बीच समानता बनाए रखने में मदद मिल सकती है । और शिक्षकों के प्रति उनका लगाव भी बढ़ेगा।
बता दें कि साल 2021 में, केरल में एक स्थानीय ग्राम पंचायत द्वारा आम लोगों के बीच की बाधा को दूर करने के उद्देश्य से अपने कार्यालय परिसर में ‘सर’ या ‘मैडम’ जैसे सामान्य अभिवादन पर प्रतिबंध लगाने के लिए इसी तरह का निर्णय लिया गया था।