इस साल विश्व आर्थिक फ़ॉरम 16 से 20 जनवरी तक “एक खंडित दुनिया में सहयोग” विषय के अनुसार आयोजित किया जा रहा है। उसके दौरान प्रमुख वैश्विक मुद्दों और प्राथमिकताओं पर चर्चा की जाएगी, जिन में वैश्विक मुद्रास्फीति और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं।
विश्व आर्थिक फ़ॉरम 2023 में भारत से कौन आनेवाला है?
703 भारतीय लोग इस में हिस्सा लेनेवाले हैं यानी फ़ॉरम में आनेवाले सब लोगों में से उनका हिस्सा 3.6 प्रतिशत है। इसके साथ उम्मीद है कि कम से कम चार केंद्रीय मंत्री और तीन मुख्यमंत्री भाग लेनेवाले हैं।
यह दावा किया गया था कि केंद्रीय मंत्रियों में से भारत के रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, ऊर्जा मंत्री राज कुमार सिंह और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया हैं।
जो मुख्यमंत्री विश्व आर्थिक फ़ॉरम में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हैं।
उनके अलावा भारत के 13 सब से सम्पन्न आदमी फ़ॉरम में भाग लेंगे। उदाहरण के लिए, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी, अदानी ग्रुप को स्थापित करनेवाले गौतम अदानी, टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला और भारती इंटरप्राइजेज के संस्थापक और चेयरपर्सन सुनील मित्तल आनेवाले हैं।
विश्व आर्थिक फ़ॉरम 2023 में भारत का लक्ष्य क्या है?
विश्व आर्थिक फ़ॉरम के दौरान दावोस में भारत दूसरे देशों के साथ अहम मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है। इसके अलावा, भारत की इस फ़ॉरम में सदस्यता का लक्ष्य अपने को मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाना है और वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति को ज्यादा मजबूत करना है।
विश्व आर्थिक फ़ॉरम 2023 में भारत के अलावा कौन उपस्थित होगा?
बेल्जियम, कोलंबिया, इक्वाडोर, फिनलैंड, ग्रीस, मोजाम्बिक, पाकिस्तान, स्पेन और जिम्बाब्वे सहित कम से कम 40 देशों के प्रमुख के इस फ़ॉरम का दौरा करने की उम्मीद है।
इसके साथ दावोस के फ़ॉरम में 1,500 व्यापारिक नेता भाग लेंगे, जिनमें विश्व की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के 600 मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, अमेजन के सीईओ एंडी जेसी और मॉडर्न के सीईओ स्टीफन बैंसेल आनेवाले हैं।