यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

यूक्रेन ‘हर मायने में’ पश्चिमी हथियार की टेस्ट लैब है, अमेरिकी मीडिया ने कहा

मास्को ने कई बार वाशिंगटन और उसके साथियों को कीव को हथियार प्रदान करने के खिलाफ चेतावनी दी, क्योंकि क्रेमलिन के अनुसार इसके कारण यूक्रेन संकट आगे बढ़ रहा है।
Sputnik
एक अमेरिकी मीडिया ने बताया है कि यूक्रेन ऐसे पश्चिमी हथियार के लिए "परीक्षण" बन गया है, जो कभी-कभी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है और अंत में अतीत की बात बन सकता है।
उस मीडिया ने दावा किया कि यूक्रेन संकट की मदद से “अमेरिका और उसके साथियों को वह समझने का दुर्लभ अवसर मिला कि उनके हथियार का सक्रिय प्रयोग करते समय वह कैसे काम करता है।”

पश्चिमी खुफिया से परिचित गुप्त सूत्र के हवाले से उस मीडिया ने कहा कि यूक्रेन “हर मायने में पश्चिमी हथियार की टेस्ट लैब है क्योंकि दो विकसित देशों के बीच लड़ाई में उस उपकरण का वास्तव में कोई उपयोग नहीं किया गया है।“ सूत्र के अनुसार “यह वास्तविक लड़ाई का परीक्षण है।“

एक और सूत्र ने उस मीडिया से बताया कि स्विचब्लेड 300 ड्रोन और दुश्मन के राडार सिस्टमों को निशाना बनाने के लिए बनाई गई मिसाइल सहित कीव को प्रदान की गई कुछ प्रणालियाँ लड़ाई के दौरान अनुमान से कम कारगर निकली हैं।
उस सूत्र ने दावा किया कि जो वाशिंगटन यूक्रेन संकट की मदद से समझ सकता है वह यह है कि कीव को दी जाती एम777 हॉवित्जर प्रणाली जैसे तोपखाने का प्रयोग भविष्य में शायद कभी नहीं किया जाएगा क्योंकि वह प्रणाली "वापसी आग से बचने के लिए जल्दी से चलाना कठिन है।“
साल की शुरुआत से अमेरिका और उसके साथियों ने कीव को 40 अरब डॉलर से ज्यादा सैन्य सहायता दी है। मास्को ने बहुत बार कीव को हथियार प्रदान करने के खिलाफ चेतावनी दी, और क्रेमलिन ने कहा कि इस व्यवहार के कारण यूक्रेन संकट को आगे बढ़ाने में मदद दी जाती है।
इसके साथ रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने जोर देकर कहा कि अमेरिका और उसके साथियों ने मास्को को रणनीतिक रूप से कमजोर करने के लिए उसके खिलाफ आर्थिक और सूचना की लड़ाई शुरू करने के लिए यूक्रेन संकट को एक और बहाना बनाया था।

"यूक्रेन को [पश्चिम द्वारा] रूस के खिलाफ हाइब्रिड लड़ाई के उपकरण के रूप में चुना गया था," शोइगू ने कहा और जोर दिया कि कीव को हथियार की पश्चिमी आपूर्ति के कारण संकट लंबे समय तक खत्म नहीं किया जा रहा है और अधिक मौतें हो रही हैं।

रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन में अपने विशेष सैन्य अभियान को शुरू किया था, जब उसको डोनबास गणराज्यों का उन्हें कीव के हमलों से बचाने का अनुरोध मिला था।
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