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ब्रिक्स डॉलर से इन्कार करने के लिए नई भुगतान प्रणाली पर विचार कर रहा है

प्रिटोरिया (Sputnik) - ब्रिक्स बेहतर भुगतान प्रणाली बनाने के लिए डॉलर से इन्कार करने का तरीका खोजना चाहता है, जो सिर्फ संपन्न देशों के हितों में नहीं होगा, दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नालेदी पंडोर ने Sputnik को बताया।
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उन्होंने कहा, "हम हमेशा उस तथ्य को लेकर चिंतित थे कि डॉलर का प्रभुत्व है और कि हमें दूसरे विकल्प की तलाश करने की ज़रूरत है। मौजूद प्रणालियाँ बहुत संपन्न देशों को विशेषाधिकार देती हैं और हम जैसे देशों के लिए चुनौती बनती हैं। ऐसे देशों को डॉलर में भुगतान करना पड़ता है, जो हमारी विभिन्न मुद्राओं का उपयोग करने से ज़्यादा महंगा होता है। इसलिए मुझे लगता है कि बेहतर प्रणाली बनानी है और हम आर्थिक क्षेत्र पर चर्चाओं के दौरान ब्रिक्स मंत्रियों के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं।"
पंडोर ने कहा कि ब्रिक्स यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा 2014 में संयुक्त रूप से चलाए जाते न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना के कारणों में से डॉलर-आधारित भुगतान प्रणाली के विकल्प की तकश थी।

उन्होंने समझाया कि "ब्रिक्स की कई क्षेत्रीय समितियां हैं जो राजनीति और सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और लोगों के आपसी आदान-प्रदान के मुद्दों पर काम करती हैं, और आर्थिक संदर्भ में हम उस पर ध्यान करते रहते हैं कि NDB और अन्य संस्थागत संगठन हमें मौद्रिक विनिमय की बेहतर प्रणाली बनाने में मदद कैसे दे सकते हैं।"

अफ्रीका में रूसी "घातक गतिविधियों" का सामना करने का अधिनियम

विदेश मंत्री नालेदी पांडोर ने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि अफ्रीका में रूस की "घातक गतिविधियों" का सामना करने के अधिनियम को हटाने की ज़रूरत है क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है।
मंत्री ने साक्षात्कार में बताया, "मुझे विश्वास है कि अधिनियम को वास्तव में हटाने की ज़रूरत है क्योंकि मुझे लगता है कि वह पूरी तरह निराधार है। मुझे लगता है कि वह दखल है जो अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित नहीं है और हमने अमेरिका में अपने सहयोगियों को यह समझाया।"
उस अधिनियम का मसौदा अप्रैल में ग्रेगरी मीक्स द्वारा कांग्रेस में पेश किया गया था। अब उसको लेकर सीनेट के मतदान का इंतजार किया जा रहा है। अगर उसको मंज़ूरी दी जाएगी, तो उसके अनुसार सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट को अफ्रीका में रूसी प्रभाव का सामना करने के लिए और प्रतिबंधों की मदद से रूस की "प्रतिनिधियों" को सहायता देने के कारण अफ्रीकी सरकारों को ज़िम्मेदार ठहराने के लिए रणनीति बनाना पड़ेगा।
मंत्री ने कहा, "हम उस अधिनियम को हटाने पर और औपचारिक रूप से रौशनी में न आने पर आग्रह करना जारी रखेंगे।"

एकतरफा प्रतिबंध

अमेरिकी एकतरफा प्रतिबंधों के मुद्दे पर पंडोर ने कहा कि उनके देश ने अमेरिका को बताया कि वह चाहता है कि अमेरिकी एकतरफा प्रतिबंधों की समीक्षा की जाए क्योंकि उनका प्रभाव असंबद्ध देशों पर पड़ता है।

उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि "हमें हमेशा एकतरफा प्रतिबंधों की और विवाद से बाहर होने वाले कई देशों पर उनके प्रभाव की समस्या होती है। इसलिए हमने अमेरिका में अपने दोस्तों को समझाया कि हम वास्तव में चाहते हैं कि वे एकतरफा प्रतिबंधों को लगाने की समीक्षा करें, क्योंकि यह रणनीति कभी-कभी समस्याओं को हल करने में मदद नहीं देती।"

राजनयिक ने कहा कि यह रणनीति जिम्बाब्वे, वेनेजुएला या क्यूबा में काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका प्रतिबंधों का समर्थन तब कर सकता है जब उसे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय या मानवीय कानून का उल्लंघन किया जाता है, "लेकिन जब हमें लगता है कि वे केवल एकतरफा प्रतिबन्ध हैं और संयुक्त राष्ट्र के अधिकार से सम्बंधित नहीं हैं, हम नहीं सोचते कि दक्षिण अफ्रीका को उनका समर्थन करना चाहिए।"
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