भारत सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 'राम सेतु' को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया अभी संस्कृति मंत्रालय में चल रही है।
मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का निर्देश सरकार को देने की मांग करते हुए सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है।
इस पर, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र द्वारा लिये गये फैसले के बारे में मंत्रालय अदालत को सूचित करेगा। कोर्ट का यह आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा पीठ को बताए जाने के बाद आया है कि अभी संस्कृति मंत्रालय में प्रक्रिया चल रही है।
दरअसल भारत में राम सेतु को लेकर विवाद साल 2005 में प्रारंभ हुआ। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सेतुसमुद्रम शिपिंग नहर परियोजना को हरी झंडी दे दी थी। इस परियोजना के तहत इस सेतु को तोड़कर एक मार्ग बनाना था जिससे बंगाल की खाड़ी से आने वाले जहाजों को श्रीलंका का चक्कर नहीं लगाना पड़े।
सरकार का तर्क था कि इससे समय, दूरी और ईंधन सब कुछ बचेगा। हालांकि, हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया।