अपने डिप्लोमा को फाड़नेवाले काबुल के विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर इस्माइल मशाल सड़क विक्रेता के रूप में पुस्तकें बेचते हुए दिखाई दिए।
पूर्व प्रोफेसर ने अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हुए 18 शाखाओं वाला पेड़ बनाकर उसको काबुल की सड़क पर रखा। पेड़ के शीर्ष पर एक संकेत है जो कहता है कि शिक्षा दोनों पुरुषों और महिलाओं के लिए महत्त्वपूरण है।
कुछ समय पहले सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो गया था और दुनिया भर में बहुत लोगों को आकर्षित किया था। उस में दिखाया गया था कि इन प्रोफेसर ने एक लाइव टीवी शो के दौरान अपने डिप्लोमा को फाड़ते हुए वह घोषणा की थी कि शिक्षा का कोई मतलब नहीं है अगर न तो उनकी पत्नी, न तो उनकी बेटी पढ़ सकती है।
इस्माइल मशाल का ऐसा व्यवहार तालिबान* के उस निश्चय से संबंधित था कि अफगानिस्तान में महिलाओं को विश्वविद्यालयों में पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
महिलाओं के विश्वविद्यालय में पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने के अलावा उनके लिए बहुत कुछ प्रतिबंधित हुआ। उदाहरण के लिए, उनको अपने पति, पिता, भाई सहित पुरुष के बिना घर से निकलना मना है। बाहर जाते समय अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए सिर से पैर तक बुर्का पहनना जरूरी है।
*आतंकवादी गतिविधियों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित