भारत ने जनवरी में रूस से कच्चे तेल के आयात का नया रिकार्ड बनाया।
पश्चिम के रूसी तेल पर मूल्य सीमा निर्धारित करने के बावजूद इस महीने यह भारत के कुल आयात का लगभग 28 प्रतिशत था।
भारतीय मीडिया ने एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्स के हवाले से बताया कि भारत ने जनवरी में रूसी कच्चे तेल का 1.27 मिलियन बैरल प्राप्त किया, जो दिसंबर की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक था। और रूस लगातार चौथे महीने भारत के लिए शीर्ष कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता बना रहा।
जनवरी में अमेरिकी हिस्सेदारी 7 से बढ़कर 9 फीसदी हो गई, जबकि अफ्रीका की हिस्सेदारी 9 फीसदी से गिरकर 6 फीसदी रह गई।
पश्चिम द्वारा 5 दिसंबर को मूल्य सीमा लगाए जाने के बाद से रूसी तेल व्यापार अपेक्षा से कहीं अधिक सुचारू रूप से चल रहा है।
अमेरिका और उसके सहयोगियों ने अपने शिपर्स, बीमाकर्ताओं और फाइनेंसरों को 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक पर खरीदे गए किसी भी रूसी कार्गो को का उपयोग करने से रोक दिया है।
भारत के रूसी कच्चे तेल के आयात में यूराल का हिस्सा 80 प्रतिशत है। अन्य दो ग्रेड एस्पो और सोकोलजो भारत के रूसी आयात का 8 प्रतिशत बनाते हैं, वर्तमान में $ 74-78 प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहे हैं।
भारत का कुल कच्चा आयात जनवरी महीने में पिछले महीने की तुलना में 6 प्रतिशत गिरकर 4.6 मिलियन बैरल हो गया।