रूसी राजदूत बोरिसेंको ने कहा, "मिस्र भी ब्रिक्स में शामिल होने में रुचि रखता है और इसके सभी सदस्यों को भेजे गए आधिकारिक पत्रों में इस इच्छा को व्यक्त किया गया है।"
राजनयिक ने बताया कि रूस ने मिस्र केअनुरोध का समर्थन किया है और जब वह ब्रिक्स का स्थाई सदस्य बनेगा तो यह रूस के लिए हर्ष का विषय होगा ।
"इसके लिए ब्रिक्स को विस्तार करने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं को अनुमोदित करने की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि यह आनेवाले भविष्य में होगा," बोरिसेंको ने कहा।
इसके साथ रूसी राजदूत ने दावा किया कि पश्चिमी देशों द्वारा मिस्र पर दबाव डालने के बावजूद यह देश रूस के साथ सक्रिय सहयोग करना जारी रखा है।
बोरिसेंको ने कहा, "दबाव के बावजूद मिस्र जमाल अब्देल नासेर की अध्यक्षता के दौरान हमारे देशों के बीच रखी गई दोस्ती की परंपराओं का समर्थन करता रहा है। आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों के साथ साथ और भी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मंचों पर रूस के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करना जारी रखा है।"
ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के संदेश के अनुसार, इंडोनेशिया, तुर्की, सऊदी अरब और मिस्र इसके सदस्य बनना चाहते हैं।