अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा वर्ष में भारत और चीन के वैश्विक विकास में 50 फीसदी से अधिक का योगदान करने की उम्मीद है। वहीं एशिया के अन्य देश एक चौथाई अतिरिक्त ग्रोथ में योगदान करेंगे।
IMF के अनुसार एशिया के इमर्जिंग और विकासशील देशों में महामारी के चलते सप्लाई चेन में दिक्कतें आई थी वह अब खत्म हो रही है, सर्विस सेक्टर में तेज ग्रोथ नजर आ रहा है। कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में कोरोना महामारी के पहले के दौर वाला ग्रोथ देखने को मिल रहा है।
एशिया और पैसेफिक देशों में बीते साल के दौरान जो आर्थिक चुनौतियां नजर आई थी उसमें अब सुधार देखने को मिल रहा है। साल 2022 के ग्रोथ रेट 3.8 फीसदी की तुलना में वर्ष 2023 में 4.7 फीसदी रहने का अनुमान है जो दुनिया के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले बहुत अधिक रहेगा। इसके साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन नजर आ रहा है ऐसे में ये क्षेत्र चमकता हुआ सितारा बनकर उभरेगा," IMF ने कहा।
बता दें कि IMF की ओर से इसी साल जनवरी में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 और 2024 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर दुनिया में सबसे अधिक रह सकती है।