भारतीय टेक्टोनिक प्लेट प्रतिवर्ष लगभग पांच सेंटीमीटर आगे बढ़ रही है, जिसकी वजह से हिमालय के क्षेत्र में दवाब बढ़ता जा रहा है नतीजतन भूकंप की संभावनाएं बढ़ रही है।
यह आशंका हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुख्य वैज्ञानिक और भूकंपविज्ञानी डॉक्टर एन पूर्णचंद्रा राव ने जताई है। भारतीय मीडिया ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, पृथ्वी की सतह विभिन्न प्लेटों से मिलकर बनी है, जो लगातार गतिमान है। जिसके चलते हिमालय के क्षेत्र में तनाव पैदा हो रहा है, इससे भयानक भूकंप की संभावना बढ़ रही है।
"हमारे पास उत्तराखंड में 18 सिस्मोग्राफ स्टेशनों का एक मजबूत नेटवर्क है। इस क्षेत्र को हिमाचल और नेपाल के पश्चिमी हिस्से के बीच भूकंपीय अंतराल के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है," मुख्य वैज्ञानिक ने कहा।
बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि सोमवार यानी 20 फरवरी को रात 10.38 बजे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से 56 किलोमीटर उत्तर में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थी।