भारत के हरियाणा राज्य के गुरुग्राम में एक महिला ने अपने 10 साल के बेटे के साथ खुद को तीन साल तक क्वारंटाइन कर लिया क्योंकि उसे COVID-19 का डर था।
गुरुग्राम शहर के चक्करपुर इलाके में स्थित महिला के घर के ताजा दृश्यों ने नेटिज़न्स को हैरान कर दिया है। महिला के पति सुजान माझी पेशे से एक निजी कंपनी में इंजीनियर है और उन्होंने ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कानून प्रवर्तन, स्वास्थ्य अधिकारियों और बाल कल्याण विभाग की एक टीम ने उनके घर का दौरा किया और महिला और उसके बेटे को बाहर निकाला।
मुनमुन माझी के रूप में पहचानी गई महिला और उसके बेटे को अस्पताल ले जाया गया, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उनके घर की सफाई की। कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं, जिसमें से एक तस्वीर में दुबले-पतले और कमजोर लड़के को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा एक वैन में ले जाते हुए देखा जा सकता है और वहीं दूसरी एक तस्वीर में चिप्स, किराने का सामान, कच्ची सब्जियां, गंदगी और कचरा उनके घर की चारों ओर बिखरा हुआ देखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कचरे से बहुत तेज गंध भी आ रही थी।
पुलिस ने भारतीय मीडिया को बताया कि महिला ने COVID-19 महामारी के कारण अत्यधिक घबराहट और अपने बेटे को खोने के डर से यह कदम उठाया था। पिछले तीन सालों में मां ने अपने बेटे को घर से बाहर भी नहीं निकलने दिया। इस दौरान उन्होंने सूर्य को भी नहीं देखा।
महिला के पति वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे बात किया करते थे। वे मासिक घर का किराया, बिजली बिल, बेटे की स्कूल की फीस और किराने का सामान का भुगतान भी किया करते थे यहां तक कि वे राशन के बैग भी मुख्य दरवाजे के बाहर छोड़ देते थे। लड़का केवल पेंसिल से पढ़ता था और घर की दीवारों पर पेंटिंग बनाकर अपना समय गुजारता था और मां अपने और बेटे के बाल घर पर ही काटकर घर के अंदर फेंक दिया करती थी।
सबसे आश्चर्य की बात है कि उनके पड़ोसियों को भी इस बात की भनक तक नहीं लगी कि मां-बेटे दोनों ने अपने घर में खुद को कैद कर लिया है।