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G20 देशों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने की आवश्यकता है: PM Modi

भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी शुक्रवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में G20 सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में आई है।
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दुनिया ने गंभीर चुनौतियों का सामना किया है और G20 देशों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता, विश्वास और विकास की राह पर वापस लाना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।

कोविड-19 महामारी से विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अभी भी प्रभावित

विश्व अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई देश विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अभी भी इसके बाद के प्रभावों का सामना कर रही हैं।
"कोविड महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को सदी में एक बार होने वाला झटका दिया है," पीएम ने टिप्पणी की।

भारतीय अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं।

पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि G-20 बैठक में बातचीत को दुनिया के सबसे कमजोर नागरिकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहा, भारतीय अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं।

“भारतीय उपभोक्ता और निर्माता भविष्य को लेकर आशावादी और आश्वस्त हैं। हम आशा करते हैं कि आप वैसी ही सकारात्मक भावना वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रसारित कर सकते हैं," पीएम मोदी ने कहा।

डिजिटल भुगतान तंत्र ने दैनिक जीवन को आसान को आसान बनाया

विगत कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने एक अत्यधिक सुरक्षित, भरोसेमंद और कुशल सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार किया है।
"हमारे डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने शासन, वित्तीय समावेशन और दैनिक जीवन को आसान बनाने में मौलिक रूप से बदलाव किया है," उन्होंने कहा।

भू-राजनीतिक तनाव का प्रभाव वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर पड़ा है।

"हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव को भी देख रहे हैं। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान हैं। कई समाज बढ़ती कीमतों के कारण पीड़ित हैं", मोदी ने प्रतिनिधियों को अपने संबोधन में कहा।
गौरतलब है कि भारत G20 की अध्यक्षता ऐसे समय पर कर रहा है जब पड़ोसी दक्षिण एशियाई देशों श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान कोविड-19 महामारी और अंतर्राष्ट्रीय संकट के कारण हुई आर्थिक मंदी की वजह से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ऋण मांग रहे हैं।
पिछले हफ्ते जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत G20 देशों के लिए कर्जदार देशों की मदद हेतु एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसमें दुनिया के सबसे बड़े संप्रभु ऋणदाता चीन सहित ऋणदाताओं से ऋण पर भारी कटौती करने, या घाटे को स्वीकार करने के लिए कहा जा रहा है।
बता दें कि G20 बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय कराधान, वित्तीय समावेशन के लिए डिजिटल सार्वजनिक सामान और वैश्विक स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की जा रही है। बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं।
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