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ब्रह्मपुरम कचरा संयंत्र में आग: निवासियों ने जहरीले धुएं, सांस फूलने की शिकायत की

2 मार्च को भारत के तटीय शहर कोच्चि में कम से कम 50,000 टन कचरे में आग लग गई। हालाँकि आग 5 मार्च तक बुझ गई थी, परंतु निवासी अब घने, काले धुएँ की शिकायत कर रहे हैं।
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कोच्चि के कई हिस्सों में वायु की गुणवत्ता अस्वास्थ्यकर मात्रा से नीचे बनी हुई है, क्योंकि कचरा डंप यार्ड में बड़े पैमाने पर आग लगने के बाद जहरीले धुएं का उत्सर्जन जारी है।
एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे प्रभावित क्षेत्र के 70 प्रतिशत तक धुएं को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं। हालांकि, 30 प्रतिशत धुआँ सुलगते प्लास्टिक कचरे से आना जारी है, और इस धुएं को रोकना अब मुख्य चुनौती है।
पिछले पांच दिनों के दौरान कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI-एयर क्वालिटी इंडेक्स) 300 PM 2.5 (हवा में सूक्ष्म कण) से अधिक दर्ज किया गया, जबकि शून्य और 50 के बीच के आंकड़े को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 हानिकारक , 301 और 400 बहुत हानिकारक,और 401और 500 बहुत ज्यादा हानिकारक माना जाता है।
बहुत हानिकारक और उससे आगे की श्रेणी में AQI लंबे समय तक संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इस बीच, स्थानीय नागरिक सांस लेने में तकलीफ और आंखों और गले में जलन की शिकायत करते हैं। राज्य सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि वे बाहर जाते समय एन95 मास्क पहनें और जब तक धुएं पर नियंत्रण नहीं हो जाता तब तक जॉगिंग से बचें।
जिला प्रशासन ने कोच्चि में सभी स्कूल और कॉलेज और पड़ोसी एर्नाकुलम में 5 मार्च से बंद कर दिया है। कोच्चि का ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र केरल में सबसे बड़ा केंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र है। केरल उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और कोच्चि नगरपालिका निकाय को यह कहते हुए फटकार लगाई कि शहर एक गैस चैंबर बन गया है। अदालत ने शुक्रवार को स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति नियुक्त की।
राजनेताओं और नेटिज़न्स ने राज्य की पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार पर स्थिति को गलत तरीके से संभालने का आरोप लगाते हुए ट्विटर का सहारा लिया है।
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