भारत-रूस संबंध
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भारत से सहयोग के मामले में रूस मीडिया रिपोर्ट पर ध्यान नहीं देगा: क्रेमलिन

मास्को (Sputnik) - तेल पर भारत से सहयोग के मामले में रूस मीडिया रिपोर्टों पर नहीं, प्रतिपक्षों से संपर्क पर ही ध्यान केंद्रित करेगा, तेल पर मूल्य सीमा पर रूसी राष्ट्रपति द्वारा किए गए निर्णय हैं, जो आधिकारिक दस्तावेजों पर औपचारिक रूप से आधारित हैं, रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दमित्री पेस्कोव ने कहा।
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"इस मामले पर हमारे पास ठोस निर्णय हैं, जो रूसी राष्ट्रपति द्वारा किए गए थे और आधिकारिक दस्तावेजों पर औपचारिक रूप से आधारित हैं। हम उनके अनुसार काम करेंगे, इसके अलावा, यकीनन हम इस स्थिति में मीडिया रिपोर्टों पर नहीं, भारत में हमारे प्रतिपक्षों से संपर्कों पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं,” पेस्कोव ने संवाददाताओं से कहा।

इससे पहले मीडिया में ऐसी सूचना सामने आई थी कि भारत रूसी तेल पर 60 डॉलर की मूल्य सीमा को स्वीकार करेगा, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने व्यापारियों और बैंकों से नियमों का पालन करने को कहा था।
5 दिसंबर, 2022 को रूसी तेल पर पश्चिमी प्रतिबंध लागू किए गए थे। यूरोपीय संघ ने समुद्र के माध्यम से आनेवाले रूसी तेल से इन्कार किया। इसके अलावा, सात के समूह के देशों ने, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने ऐसे तेल की कीमत पर 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा लगायी। जवाब में रूस ने रूसी तेल और तेल उत्पादों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाया, अगर अनुबंध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मूल्य सीमा के बारे में लिखा गया है।
5 फरवरी को ईंधन पर प्रतिबंध लगाए गए। यूरोपीय संघ ने रूसी तेल उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया, इसके साथ यूरोपीय संघ और सात के समूह ने उन पर मूल्य सीमा निर्धारित की।
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