यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

रूस को "शत्रु का सामना ही नहीं, उसका शमन भी करना चाहिए"

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके बच्चों के अधिकार आयुक्त के खिलाफ "गिरफ्तारी का सर्टिफिकेट" जारी करते समय इसके "भावनात्मक प्रभाव" के लिए बच्चों के मुद्दों को उठाया, आईसीसी की चाल पर टिप्पणी देते हुए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक वकील क्रिस्टोफर सी. ब्लैक ने कहा।
Sputnik
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बच्चों के अधिकार आयुक्त मारिया ल्वोवा-बेलोवा के खिलाफ "गिरफ्तारी वारंट" जारी करने पर आपराधिक न्यायालय के अभियोजक करीम ए.ए. खान केसी का "बेतुका" अभिमत और आईसीसी के इस फैसले का अमेरिका द्वारा समर्थन इस बात का और सबूत हैं कि रूस "एक कट्टर दुश्मन का सामना कर रहा है जिसे हराना ही होगा," युद्ध अपराध और अंतरराष्ट्रीय संबंध में 20 साल के अनुभव वाले अंतरराष्ट्रीय आपराधिक मामलों के वकील क्रिस्टोफर सी ब्लैक ने Sputnik को बताया है।
हेग के "गिरफ्तारी वारंट" ने जिनको 17 मार्च को जारी किया गया पुतिन और ल्वोवा-बेलोवा पर यूक्रेन में मॉस्को के विशेष सैन्य अभियान के संदर्भ में 2022 से लेकर "यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी संघ में" बच्चों को अवैध रूप से निर्वासित करने का आरोप लगाया। रूसी अधिकारियों और राजनयिकों ने बच्चों सहित नागरिकों को यूक्रेनियन सेना द्वारा अंधाधुंध गोलाबारी से बचाने के लिए अग्रिम पंक्ति के क्षेत्रों से उनको दूर स्थानांतरित करने के मास्को के प्रयासों को हमेशा विशेष रूप से उजागर किया करते थे।
सबसे पहले, ICC के "वैरेंट" की बरुखी केवल इस तथ्य में निहित है कि अभियोजक के कार्यालय ने "बच्चों से संबंधित मुद्दों पर कोई स्वतंत्र जांच नहीं की" क्रिस्टोफर सी. ब्लैक ने रेखांकित किया।

"उन्होंने हालात और शर्तों के बारे में रूस या डोनबास से किसी को नहीं पूछा... बेशक, उन्होंने बच्चों के मामले को चुन लिया क्योंकि इससे अत्यधिक भावनात्मक प्रभाव पड़ता है।" उन्होंने ने कहा।

इसके अलावा, कानूनी विशेषज्ञ ने रूसी अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों को दोहराया, यह रेखांकित करते हुए कि द हेग द्वारा जारी तथाकथित "गिरफ्तारी वारंट" का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है।
ब्लैक ने कहा, "रूस या उसके अधिकारी आईसीसी के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। रूस रोम संधि का पक्षकार नहीं है, न ही अमेरिका और चीन। आईसीसी के पास रूसी अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।"
हालाँकि, उन्होंने कहा: "वे तर्क देते हैं कि एक पत्र जो यूक्रेन ने अप्रैल 2014 में ICC को भेजा था जिसमें यूक्रेन ने कहा था कि उसने ICC के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश किया है, भले ही वह संधि का सदस्य नहीं है, उसे यह अधिकार दे देता है। लेकिन उस पत्र की वैधता संदिग्ध है क्योंकि यह यूक्रेन में 2014 के तख्तापलट के ठीक बाद नाटो द्वारा स्थापित तख्तापलट शासन द्वारा भेजा गया था, इसलिए कोई भी वकील तर्क देगा कि इसकी कोई वैधता नहीं है क्योंकि यह यूक्रेन की वैध सरकार द्वारा नहीं बल्कि नाटो की कठपुतली सरकार द्वारा दायर किया गया था।"
इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञ ने अमेरिका के नेतृत्व वाले और इसके द्वारा प्रेरित रंग क्रांति यानी 2014 में कीव में यूरोमैदान तख्तापलट का जिक्र किया। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविक को हटा दिया गया था, और डोनबास में आठ से ज्यादा वर्षों पुराना विवाद शुरू हुआ था। तब कीव के अधिकारियों ने डोनेट्स्क और लुगांस्क के अलग हुए क्षेत्रों के खिलाफ एक सैन्य अभियान शुरू किया था, जिन्होंने "क्रांति" के बाद सत्ता में आई नई सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। यह वे ही घटनाएँ थीं जिन्होंने अंततः रूस को पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू करने पर मजबूर किया। आईसीसी द्वारा की गई कार्रवाई एक स्वतंत्र निकाय की नहीं है, क्योंकि वाशिंगटन के पास "आईसीसी के अंदर कई स्तरों पर संपत्ति" है, ब्लैक ने जोर दिया। यह "जागरूक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्वावधान में किया गया है," उन्होंने Sputnik को बताया, क्योंकि उनका मुख्य उद्देश्य "शांति स्तापित करने के लिए किसी भी वार्ता को रोकना है।"
"उन्होंने अब राष्ट्रपति आदि को अपराधियों के रूप में ब्रांडेड कर दिया है। उन्होंने यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति मिलोसेविच और इराक के सद्दाम हुसैन का भी ऐसा ही किया। वे दोनों अमेरिकियों द्वारा मारे गए, हुसैन को फांसी दी गई, मिलोसेविच की हत्या गद्दाफी की तरह की गई। यह स्पष्ट है," अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक वकील ने कहा।
उन्होंने कहा कि आईसीसी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 20-22 मार्च को होने वाली बैठक को तोड़नेे के लिए कदम उठा रहा है।
"पश्चिम अपना यह विचार नहीं छोड़ेगा। अमेरिकी रूस का समर्थन करने या इससे बातचीत करने के किसी भी प्रयास को अपराधियों की सहायता मानेंगे और इसके परिणाम गंभीर होंगे। रूस एक कट्टर दुश्मन का सामना कर रहा है जिसे अब उसे हराना होगा। अब उसके पास कोई रास्ता नहीं है," क्रिस्टोफर सी. ब्लैक ने निष्कर्ष निकाला।
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