नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में 15% पायलट महिलाएं हैं, यह वैश्विक औसत 5% का तीन गुना ज्यादा है।
विभिन्न भारतीय अनुसूचित एयरलाइनों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में कुल 244 पायलटों की भर्ती की गई है। एक अनुमान के मुताबिक भारत को अगले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 1,000 पायलटों की आवश्यकता हो सकती है।
पिछले साल, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ वीमेन एयरलाइन पायलट ने भी एयरलाइन उद्योग में लैंगिक समानता पर रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के अनुसार भारत 12.4% के साथ उड़ान डेक पर लैंगिक समानता में शीर्ष स्थान पर है, इसके बाद आयरलैंड (9.9%) दूसरे और दक्षिण अफ्रीका (9.8%) तीसरे स्थान पर है।
गौरतलब है कि साल 1989 में, भारत की निवेदिता भसीन दुनिया की सबसे कम उम्र की वाणिज्यिक एयरलाइन कप्तान बनीं। भारतीय वायु सेना ने 1990 के दशक में हेलीकाप्टरों और परिवहन विमानों के लिए महिला पायलटों की भर्ती शुरू की थी।