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कनाडा में अपने मिशनों की सुरक्षा को लेकर भारत चिंतित

खालिस्तानी चरमपंथी सहित भारत विरोधी समूह अपने स्वयं के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह से संबंधित घटनाक्रमों का लाभ उठाना चाहते हैं।
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टोरंटो में वाणिज्य दूतावास के सामने भारतीय ध्वज का अपमान और ओटावा में उच्चायोग के करीब प्रदर्शनकारियों के पहुंचने पर भारत ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। इसी सिलसिले में विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को नई दिल्ली में तलब कर चिंता व्यक्त किया था।
याद रहे कि बीते शनिवार को टोरंटो में वाणिज्य दूतावास के सामने खालिस्तानी कट्टरपंथी प्रदर्शन के बीच स्थानीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी में तिरंगे का अपमान किया गया। इससे दो दिन पहले, गुरुवार को, प्रदर्शनकारियों को मॉन्ट्रियल और ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) से ओटावा में उच्चायोग तक बस से लाया गया था। हालांकि, अधिकारियों के लिए जो सुरक्षा चिंताएं थीं, वह उनके परिसर के निकट प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी थी।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारी चारदीवारी के बिल्कुल करीब आ गए थे। भारतीय अधिकारी ने उस घटना को "राजनयिक स्थान का उल्लंघन" बताया है।
दरअसल करीब 500 लोगों ने रविवार को वैंकुवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनों की लगातार एक के बाद एक घटना ने कनाडा में भारतीय मिशन के लिए "सुरक्षा चिंताओं" को जन्म दिया है। भारत ने पहले ही ओटावा को सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में सतर्क कर दिया था।
बता दें कि 19 मार्च को, ओटावा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को ब्रिटिश कोलंबिया में फ्रेंड्स ऑफ इंडिया एंड कनाडा फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक समारोह में अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा, क्योंकि तलवारों से लैस लगभग 200 प्रदर्शनकारी आयोजन स्थल के सामने एकत्र हो गए और प्रवेश द्वार को बाधित कर दिया था।
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