कांग्रेस ने आज अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर संसद के बाहर गांधी मूर्ति के नीचे काली शर्ट पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस द्वारा विपक्ष के सभी नेताओं की सोमवार को संसद भवन में एक मीटिंग बुलाई गई। राहुल गांधी के मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके),भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई,एम) सहित अन्य प्रमुख विपक्षी दलों की समर्थन पाने में सफल रही।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने दूसरे विपक्षी दलों के समर्थन को लेकर कहा कि उनकी पार्टी 'लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आने वाले किसी भी व्यक्ति का स्वागत करती है'।
"मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इसका समर्थन किया है। इसलिए मैंने कल सभी को धन्यवाद दिया था और आज भी धन्यवाद देता हूं। हम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए और लोगों की रक्षा के लिए आगे आने वाले किसी भी व्यक्ति का स्वागत करते हैं। हम उन लोगों का दिल से आभार व्यक्त करते हैं जो हमारा समर्थन करते हैं।" "खड़गे ने कहा।
कांग्रेस नेता खड़गे के कार्यालय में इकट्ठा हुए नेताओं और कांग्रेस के प्रतिनिधियों को विरोध के रूप में काली शर्ट पहने देखा गया। इस मौके पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के दूसरे नेता संसद मैदान में गांधी प्रतिमा के बाहर विरोध प्रदर्शन किए ।
"हम यहां काले कपड़े में क्यों हैं? हम दिखाना चाहते हैं कि पीएम मोदी देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं... (बीजेपी) ने पहले स्वायत्त निकायों को खत्म किया... फिर चुनाव जीतने वालों को डरा-धमकाकर हर जगह अपनी सरकार खड़ी कर दी। फिर उन्होंने न झुकने वालों को झुकाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो का इस्तेमाल किया," प्रदर्शन स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा।
कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन के एक बात खास रही कि टीएमसी ने आगे आकार कांग्रेस का साथ दिया और इस साथ से राजनीति में एक नए समीकरण को देखा जा सकता है हालांकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्ष को एकजुट होने के आह्वान के बावजूद कांग्रेस से दूरी बनाकर रखी थी।
इस महीने की शुरुआत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर बंगाल में उनकी पार्टी को हराने के लिए भाजपा के साथ 'अपवित्र गठबंधन' करने का आरोप भी लगाया था।