मास्को के विदेशी आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग के प्रमुख और भारत से सहयोग के लिए व्यापार परिषद के बोर्ड के अध्यक्ष सर्गेई चेरेमिन ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि इस साल रूस और भारत के बीच व्यापार का कारोबार 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।
"हम इस साल 50 अरब डॉलर के व्यापार कारोबार की उम्मीद करते हैं," उन्होंने "रूस-इंडिया बिजनेस फोरम: स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फॉर डेवलपमेंट एंड ग्रोथ" में बोलते हुए कहा।
पहले द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य 2025 तक 30 अरब डॉलर तक पहुँचने का था लेकिन रूस से भारत के तेल आयात के कारण 30 अरब डॉलर का लक्ष्य साल 2022 में ही हासिल कर लिया गया और अब सर्गेई चेरेमिन की माने तो यह आंकड़ा 2023 में 50 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
चेरेमिन ने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों की अपार संभावनाओं के बारे में बोला।
"कुछ साल पहले हमने भारत के साथ 25 अरब डॉलर के कारोबार के सपने देखा करते थे क्योंकि उस समय यह 10 अरब डॉलर से कम था," चेरेमिन ने कहा।
रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने फरवरी की शुरुआत में पश्चिम के रूसी विरोधी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की। राजदूत के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से दिसंबर तक ही यह आंकड़ा करीब 35 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
रूसी राष्ट्रपति के सलाहकार एंटोन कोबायाकोव ने एक बयान में कहा था कि रूस-भारत सहयोग प्रारूप एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतर-राज्य संबंधों की वास्तुकला में सुधार के क्षेत्र-व्यापी प्रयासों के चालकों में से एक है। फोरम को रूसी और भारतीय व्यापार समुदायों के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करने और भारतीय बाजार में प्रवेश करने वाले रूसी व्यवसायों को समर्थन के लिए डिजाइन किया गया है।