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दिल्ली पुलिस ने एफबीआई की मदद से वांछित अपराधी दीपक बॉक्सर को मेक्सिको से पकड़ा

दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके के रहने वाले अमित गुप्ता नामक बिल्डर के मर्डर के आरोप में पुलिस को दीपक की तलाश थी। साल 2022 के सितंबर महीने में सोशल मीडिया साइट पर दीपक ने बिल्डर की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
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दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को जानकारी साझा करते हुए बताया की पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन के तहत अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) की मदद से कुख्यात गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को पकड़ा।
"गैंगस्टर को एक या दो दिन में भारत लाया जाएगा। वह दिल्ली-एनसीआर के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर्स में से एक है जो फर्जी पासपोर्ट पर देश से भाग गया है," एक अधिकारी ने मीडिया से कहा।
जांचकर्ताओं ने एक पासपोर्ट जब्त किया जिस पर बॉक्सर की तस्वीर किसी अलग नाम के साथ लगी हुई थी। फर्जी पासपोर्ट मुरादाबाद के रवि अंतिल के नाम से बनवाया गया था और 29 जनवरी को वह कोलकाता से मैक्सिको गया था।
इससे पहले, अगस्त 2022 में अमित गुप्ता नाम के बिल्डर को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी और बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तब से दीपक बॉक्सर फरार हो रहा है।
बाद में दीपक बॉक्सर ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उसने दिल्ली के बिल्डर की हत्या की और हत्या का मकसद जबरन वसूली नहीं बल्कि बदला लेना था। आगे बॉक्सर ने यह भी दावा किया कि बिल्डर गोगी गिरोह के ज्ञात दुश्मन टिल्लू ताजपुरिया गिरोह से जुड़ा था और वह वास्तव में उस गिरोह का फाइनेंसर था। बिल्डर के प्रतिद्वंद्वी गिरोह से संबंध होने के कारण उसकी हत्या की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपक बॉक्सर पर तीन लाख का इनाम रखा गया था।
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