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पश्चिमी दबाव के कारण ब्रिक्स में साझेदारी और भी ज्यादा मजबूत बनी: दक्षिण अफ्रीका के शेरपा

मास्को (Sputnik) - पश्चिमी देशों के दबाव के कारण ब्रिक्स में साझेदारी ज्यादा मजबूत और तेज ही हो गई: ब्रिक्स में दक्षिण अफ्रीका के शेरपा अनिल सुकलाल ने Sputnik को बताया।
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सुकलाल ने कहा, "कुछ बदलाव हुए हैं। हमारी साझेदारी ज्यादा तेज और मजबूत हो गयी है। और आप देखते हैं कि ग्लोबल साउथ के दर्जनों देश ब्रिक्स परिवार का हिस्सा बनने का अनुरोध कर रहे हैं।"
इसके अलावा उन्होंने Sputnik को बताया कि दक्षिण अफ्रीका अगस्त में होनेवाले ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहा है जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित सभी ब्रिक्स देशों के नेता भाग लेने वाले हैं।
"हाँ, सभी नेता शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। रूस ने इस से इनकार नहीं किया है। (दक्षिण अफ्रीका के) राष्ट्रपति (सिरिल) रामोफोसा ने निमंत्रण भेजा था, राष्ट्रपति पुतिन ने धन्यवाद दिया, हम इसकी उम्मीद कर रहे हैं कि सभी नेता दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेंगे। हमारी सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने में व्यस्त है, लेकिन, जैसा कि मैंने कहा, हम एक पूर्ण शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं," शेरपा ने कहा।
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इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नालेदी पंडोर ने कहा था कि रूस, दक्षिण अफ्रीका के लिए “बहुत वर्षों पुराना मित्र " है और हम देश दूसरों के अनुरोध पर रूस को दुश्मन नहीं समझेगा।
सुकलाल ने Sputnik को बताया कि दक्षिण अफ्रीका केवल उन प्रतिबंधों को उचित मानता है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए जाते हैं, और एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करता है।
ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार इंडोनेशिया, तुर्की, सऊदी अरब और मिस्र सहित अर्जेंटीना और ईरान ब्रिक्स का सदस्य बनने चाहते हैं।
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