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गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध अभी जारी रहेगा: पीयूष गोयल

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के अंतर्गत मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा क्योंकि भारत को अपने घरेलू बाजार के लिए खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी है और महंगाई पर नियंत्रण रखना है।
साथ ही उन्होंने कहा कि देश में राज्यों से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है और खरीद के पहले सप्ताह के आंकड़े ''बेहद संतोषजनक'' हैं।
सरकार ने चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के 10 अप्रैल तक 13.20 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें ज्यादातर मध्य प्रदेश से है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इसी अवधि में पंजाब में करीब 1,000 टन जबकि हरियाणा में 88,000 टन गेहूं की खरीद हुई है।
दरअसल भारत सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है।

"मैं विश्वास कर सकता हूं कि बेमौसम बारिश के बावजूद हमारे पास अच्छी फसल होगी... हमें भारतीय बाजार के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी और एक बार खरीद की अवधि समाप्त हो जाने के बाद यह महत्वपूर्ण होगा कि देश में मुद्रास्फीति भी नियंत्रित रहे और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रहे," गोयल ने कहा।

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बता दें कि केंद्र सरकार का लक्ष्य चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में 34.2 मिलियन टन गेहूं की खरीद करना है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में प्राप्त 19 मिलियन टन से अधिक है। गौरतलब है कि पिछले साल मौसम की मार और बेमौसम बारिश के कारण उत्पादन में मामूली गिरावट के कारण गेहूं की खरीद में गिरावट आई थी। हालांकि, इस साल उत्पादन रिकॉर्ड 112.2 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है।
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