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अतीक अहमद की हत्या: तनाव की आशंका के बीच उत्तर प्रदेश में सुरक्षा प्रबंधन सतर्क

'लोकप्रिय होने के लिए अतीक अहमद और उसके गिरोह को मारना चाहता था', पुलिस पूछताछ के दौरान हमलावरों का कथन। अतीक और अशरफ(अतीक अहमद के भाई) की शनिवार रात उस समय हत्या कर दी गई जब उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था।
Sputnik
भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य, उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में राजनेता अतीक अहमद की हत्या के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जिन्हें उनके भाई अशरफ के साथ प्रयागराज शहर में तीन हमलावरों ने शनिवार शाम को गोली मार दी थी।
समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता को पत्रकारों के रूप में आये तीन लोगों द्वारा बिंदु-रिक्त सीमा(पॉइंट ब्लेंक रेंज) पर गोली मार दी गई थी,आक्रमणकारियों द्वारा 22 गोली चलाई गईं। अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने के बाद हमलावरों ने तत्काल आत्मसमर्पण कर दिया।
गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद, हमलावरों ने उत्तर प्रदेश पुलिस को बताया कि वे "लोकप्रिय होने के लिए" अतीक अहमद और उनके गिरोह को मारना चाहते थे, ताकि प्रदेश में उनका नाम हो और भविष्य में इसका उन्हें लाभ हो।
प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि हम लोग पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए थे और हत्या करके भाग नहीं पाए, क्योंकि पुलिस की तेज कार्रवाई से हम लोग पकड़े गए , मीडिया सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी।
बताया गया कि हमलावरों में से एक के पिता ने रविवार को मीडिया के द्वारा कहा कि "उनका बेटा "बेरोजगार और ड्रग एडिक्ट" था"। हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी , अरुण मौर्य और मोहित सिंह उर्फ सनी के रूप में हुई है।
घटना के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनसनीखेज हत्याओं की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया और इसके लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया।
मीडिया ने अपने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है।
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