पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत 'अमृत काल' में एक विकसित देश बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा भगवान बुद्ध हैं।
"भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरित होकर भारत वैश्विक कल्याण के लिए नई पहल कर रहा है," पीएम मोदी ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा, "बुद्ध व्यक्ति से परे एक समझ है, बुद्ध रूप से परे एक विचार है, बुद्ध छवि से परे एक चेतना है, और बुद्ध की यह चेतना शाश्वत और निरंतर है..."
गौरतलब है कि दिल्ली में दो दिवसीय वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में देश 'अमृत महोत्सव' मना रहा है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि "जब बहुत से लोग एक बेहतर भविष्य के दृष्टिकोण से एक साथ आते हैं, तो भविष्य वास्तव में शानदार होगा।"
"भारत ने इतने सारे क्षेत्रों में अपना पहला स्थान हासिल किया है, और देश ने भगवान बुद्ध से उसी के लिए बड़ी प्रेरणा ली है। यही कारण है कि आज विभिन्न देशों और विभिन्न भौगोलिक-सांस्कृतिक वातावरण के लोग यहां एक साथ मौजूद हैं। यह भगवान बुद्ध का विस्तार है जो पूरी मानवता को एक सूत्र में पिरोता है," पीएम मोदी ने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि "भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं 'बुद्ध' दिया है। जिस वैश्विक अशांति से दुनिया आज पीड़ित है, उसका सदियों पहले भगवान बुद्ध ने समाधान दिया था। भारत हर इंसान के दु:ख को अपना दु:ख मानता है।"
इस दौरान तुर्की में आए भूकंप का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, "दुनिया के अलग-अलग देशों में शांति मिशन हो या तुर्की में भूकंप जैसी आपदा...भारत हर संकट की घड़ी में 'मम भाव' के साथ मानवता के साथ खड़ा है, अपनी पूरी क्षमता लगा रहा है।"