केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से 75 लाख से अधिक रोगियों को मासिक पोषण सहायता प्रदान किया जाता है। भारत नि-क्षय पोषण योजना की स्थापना करके तपेदिक (TB) के प्रभावों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
"2015 और 2022 के बीच भारत में तपेदिक (TB) के मामलों में 13% की कमी देखी गई है, जो कि 10% की वैश्विक कमी से भी अधिक है। इस दौरान देश में TB मृत्यु दर भी 15% तक गिर गई है, जो दुनिया भर में 5.9% की गिरावट को पार कर गई है," केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा।
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने तपेदिक की समस्या का अनुमान लगाने के लिए अपना एक स्वतंत्र तंत्र विकसित किया है, और देश 2025 तक इस बीमारी को खत्म करने का प्रयास कर रहा है।"
बता दें कि साल 2018 में नि-क्षय पोषण योजना के लॉन्च के बाद से तपेदिक रोगियों के खाते में भारत सरकार ने 244 मिलियन डॉलर से अधिक का आवंटन किया है।