28 मई 2023 को तुर्की में राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण से पहले तुर्की की मुद्रा को कमजोर करने के लिए उस पर बड़ा दबाव डाला गया। कई पश्चिमी बैंकों के विश्लेषकों ने लीरा के आसन्न कमजोर होने के बारे में जानकारी फैलाना शुरू कर दिया। इस के साथ, वित्तीय खिलाड़ियों ने इस करेंसी के खिलाफ वित्तीय हेराफेरी की।
इस घटना के बारे में ज्यादा जानने के लिए Sputnik ने रूस के पैट्रिस लुमुम्बा पीपुल्स फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत और इतिहास विभाग में वरिष्ठ शिक्षक और ऐतिहासिक विज्ञान के कैंडिडेट अगाज़ादे मीरमेहती मिरकामिल ओग्लू से बात की।
पश्चिम तुर्की की स्वतंत्र विदेश नीति से असंतुष्ट
उन्होंने समझाया कि सामूहिक पश्चिम तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के नेतृत्व में तुर्की अधिकारियों की स्वतंत्र विदेश नीति से असंतुष्ट है, क्योंकि वे न केवल रूस से अच्छे पड़ोसी संबंध बनाए रखते हैं, बल्कि इस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेते हैं।
“इस स्थिति में, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि जब जनवरी 2021 में जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए थे, उसके बाद तुर्की की अर्थव्यवस्था बड़े पश्चिमी वित्तीय संस्थानों के मुख्य लक्ष्यों में से एक बन गई। मुख्य लक्ष्य तुर्की की अर्थव्यवस्था को कमजोर करके वर्तमान तुर्की अधिकारियों पर तुर्की के नागरिकों के विश्वास को कम करना है और इस तरह रेसेप तईप एर्दोगन को सत्ता से हटाना है,” अगाज़ादे मीरमेहती मिरकामिल ओग्लू ने कहा।
लीरा को कमजोर करने के पश्चिमी प्रयास
राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण से पहले JPMorgan Chase और HSBC Holdings पश्चिमी बैंकों के विश्लेषकों ने 24-25 लीरा प्रति डॉलर के स्तर तक लीरा की आने वाली कमजोरी के बारे में जानकारी को फैलाना शुरू किया था। बाद में इस जानकारी को सभी पश्चिमी मीडिया फैलाने लगे।
"वे चुनाव से पहले डॉलर को 24-25 तुर्की लीरा के स्तर तक बढ़ाना चाहते थे। केंद्रीय बैंक डॉलर पर बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम हुआ। वे डॉलर को वांछित स्तर तक बढ़ाने में विफल रहे। हमें आशा है कि सोमवार को बाजार की स्थिति सामान्य हो जाएगी,” तुर्की में सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी के एक वरिष्ठ सूत्र ने Sputnik को बताया।
तुर्की लीरा की रक्षा करने और उसको बलशाली देने के लिए तुर्की के केन्द्रीय बैंक को घरेलू बाजार में सक्रिय रूप से मुद्रा को बेचना पड़ा। 5 से 12 मई तक मुद्रा के भंडार में 7,6 अरब डॉलर की कटौती हुई।