भारत और चीन नई दिल्ली में प्रत्यक्ष राजनयिक वार्ता की और इस दौरान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध के अन्य बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने के प्रस्ताव पर ‘स्पष्ट और खुले’ तरीके से चर्चा की।
यह बैठक भारत-चीन सीमा मामलों (WMCC ) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र के ढांचे के तहत हुई।
"दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर हालत की समीक्षा की और शेष क्षेत्रों से पीछे हटने के प्रस्तावों पर खुले तरीके से चर्चा की," विदेश मंत्रालय ने कहा।
साथ ही बयान में कहा, "इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों देश 19वें दौर की वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठक जल्द आयोजित करने पर सहमत हैं। दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनल के जरिये लगातार चर्चा कर रहे हैं।"
बता दें कि भारत और चीन 3,500 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं जो 1950 के दशक से विवादित है। जून 2020 में गलवान घाटी में सैनिक संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव चरम पर था, हालांकि सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप, दोनों पक्ष 2021 में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे और गोगरा क्षेत्र से अपने सैनिकों को पीछे हटाने में सफल रहे।