केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक पैनल करेगा और हिंसा से संबंधित छह मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा की जाएगी।
"केंद्र के मार्गदर्शन में सीबीआई द्वारा जांच की जाएगी। मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि जांच निष्पक्ष होगी और हिंसा के पीछे के कारणों की जड़ तक जाएगी," मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर आए शाह ने संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
साथ ही उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से हथियार लूटने वालों से भी अपील की और अधिकारियों के सामने हथियार नहीं सौंपे जाने पर "कड़ी कार्रवाई" की चेतावनी दी।
"मैंने पिछले तीन दिनों में इंफाल, मोरेह और चुराचांदपुर सहित कई जगहों का दौरा किया है और राज्य में शांति स्थापित करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं। पिछले एक महीने में जिन्होंने मणिपुर हिंसा में अपने प्रियजनों को खोने वाले मृतकों के परिवार वाले को राज्य सरकार और केंद्र सरकार पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देगी," शाह ने कहा।
गौरतलब है कि मणिपुर पिछले कुछ हफ्तों से हिंसा का केंद्र रहा है। इस दौरान पुलिस अधिकारी सहित कई लोगों की मौत हो गई और सुरक्षा कर्मियों से 1,000 से अधिक हथियार और गोला-बारूद को भीड़ द्वारा लूट लिया गया।
बता दें कि मणिपुर राज्य में पहली हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में मेइती को शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान देखी गई थी। दरअसल मणिपुर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था।