व्यापार और अर्थव्यवस्था

भारत-यूएई 2030 तक गैर-पेट्रोलियम व्यापार को $100 बिलियन तक बढ़ाने पर सहमत: पीयूष गोयल

भारत द्वारा संयुक्त अरब अमीरात से प्रमुख आयातित वस्तुओं में पेट्रोलियम क्रूड (12,756 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के बाद पेट्रोलियम उत्पाद (6,862 मिलियन अमेरिकी डॉलर) सम्मिलित हैं।
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को घोषणा की कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) 2030 तक 100 अरब डॉलर के गैर-पेट्रोलियम द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

"हम इस द्विपक्षीय व्यापार में सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों के बजाय गैर-पेट्रोलियम व्यापार को देखने पर सहमत हुए हैं। हम आयात को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाकर अगले सात वर्षों में गैर-पेट्रोलियम व्यापार को दोगुना करने पर सहमत हुए हैं," गोयल ने कहा।

दरअसल केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार मंत्री बिन अहमद अल ज़ायौदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की, जिसे व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया था।
हाल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 के दौरान यूएई भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक बनकर उभरा है। पिछले साल मई में भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने मुक्त व्यापार समझौता (FTA) लागू किया था।
"पिछले वित्त वर्ष में, संयुक्त अरब अमीरात से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 2021-22 में 1.03 बिलियन अमरीकी डॉलर से तीन गुना बढ़कर 3.35 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया," डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के आंकड़ों से पता चलता है।
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गौरतलब है कि भारत में यूएई का निवेश मुख्य रूप से सेवाओं, समुद्री परिवहन, बिजली और निर्माण गतिविधियों जैसे क्षेत्रों में है।
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