अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के दूत ने कहा कि जब तक अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ प्रतिबंध रहेंगे, तब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए तालिबान* सरकार को मान्यता देना लगभग असंभव होगा।
"वास्तविक अधिकारियों के साथ मेरी नियमित चर्चा में मुझे उन बाधाओं के बारे में मालूम हुआ जो उन्होंने अपने लिए उन फरमानों और प्रतिबंधों के माध्यम से बनाए, जिनसे विशेष रूप से महिलाएं और लड़कियां ग्रस्त हैं। तालिबान संयुक्त राष्ट्र और उसके सदस्यों की मान्यता प्राप्त करना चाहता है, लेकिन साथ ही वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रमुख मूल्यों का विरोध करते हैं," अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की प्रमुख रोजा ओटुनबायेवा ने कहा।
ओटुनबायेवा ने कहा, "हमने उन्हें बता दिया है कि जब तक ये फरमान लागू हैं, यह लगभग असंभव है कि हम उनकी सरकार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य मानें"।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को किसी भी विदेशी देश या अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है।
तालिबान ने दिसंबर में अफगान महिलाओं को घरेलू और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने से प्रतिबंधित कर दिया। महिलाओं के अधिकारों को प्रतिबंधित करने वाले ऐसे उपाय अफगान आबादी के बीच अत्यधिक अलोकप्रिय हैं।
अप्रैल में, ये प्रतिबंध विदेशी गैर सरकारी संगठनों में काम करने वाली महिलाओं के साथ साथ अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र कार्यालयों में काम करनेवाली महिलाओं पर भी लागू किये गए थे।
*आतंकवाद के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत
*आतंकवाद के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत