रिपोर्ट के अनुसार अगले 30 वर्षों में किसी भी देश में मधुमेह दर में गिरावट देखने की संभावना नहीं है। मधुमेह हृदय और गुर्दे की कई स्थितियों के लिए संकट उत्पन्न करता है और स्ट्रोक के प्रभाव को तीव्र करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने विश्व स्तर पर मधुमेह असमानता को बढ़ा दिया है, साथ ही जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लोगों में गंभीर संक्रमण विकसित होने की संभावना 50% से अधिक है, और मधुमेह रहित लोगों की तुलना में मरने की संभावना दोगुनी है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने विश्व स्तर पर मधुमेह असमानता को बढ़ा दिया है, साथ ही जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लोगों में गंभीर संक्रमण विकसित होने की संभावना 50% से अधिक है, और मधुमेह रहित लोगों की तुलना में मरने की संभावना दोगुनी है।
दुनिया भर में मधुमेह रोगियों की कुल संख्या का 17% मात्र भारत में है।