नेपाल की एक अदालत ने विवादास्पद आदिपुरुष सहित हिंदी फिल्मों के सिनेमा घरों में प्रदर्शन से प्रतिबंध हटा दिया है।
पाटन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश धीर बहादुर चंद की एकल पीठ ने एक अल्पकालिक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि सेंसर बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने वाली फिल्मों की स्क्रीनिंग नहीं रोकी जानी चाहिए।
इस बीच नेपाल मोशन पिक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष भास्कर ढुंगाना ने कहा कि याचिकाकर्ता अदालत के लिखित आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अब हम सेंसर बोर्ड द्वारा पारित सभी फिल्में प्रदर्शित करेंगे।"
दरअसल आदिपुरुष के एक डायलॉग के कारण, जिसमें सीता का उल्लेख "भारत की बेटी" के रूप में किया गया है, सभी हिंदी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसकी घोषणा काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने की थी।
बता दें कि 16 जून को रिलीज़ होने के बाद से, 'आदिपुरुष' को लेकर लगातार विवाद और विरोध जारी है। लोगों ने फिल्म के संवादों और निम्न-स्तरीय सामग्री पर आपत्ति जताई है।