पूर्व राजनयिक के मुताबिक अमेरिका भारत को रूस के साथ उसकी दोस्ती और आर्थिक सहयोग से दूर करने में विफल रहा है। दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जारी है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे चलाने के लिए भारत रूस से आपूर्ति श्रृंखलाओं पर काम कर रहा है।
साथ ही शशांक ने यह भी कहा कि रूस और भारत के बीच सहयोग केवल रक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र तक सीमित नहीं होना चाहिए।
शशांक ने कहा कि रूस बहुत सारे संसाधनों को नियंत्रित करता है और रक्षा क्षेत्र में एक नेता है। अन्य क्षेत्रों में भी रूस भारत के साथ सहयोग कर सकता है। अमेरिकी लोगों को मालूम है कि भारतीय पेशेवर कार्यबल को सभी अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों द्वारा महत्व दिया जाता है, इसलिए वे इस स्थिति का प्रयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में भारत में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि इस साल अमेरिका लगभग दस लाख भारतीयों को वीजा देगा। अगर रूस कुछ ऐसा करे, तो यह भी अच्छा होगा।
शशांक ने कहा कि चूंकि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विचारों का आदान-प्रदान जारी रखते हैं, इसलिए साफ है कि भारत और रूस दोनों अपनी साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। हालांकि भारत अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है, फिर भी भारत के लिए रूस के साथ विशेष रिश्ते बिल्कुल महत्वपूर्ण हैं।