विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

21 साल बाद सनस्पॉट्स जून में सबसे अधिक होने से पृथ्वी पर सोलर फ्लेयर्स का खतरा बढ़ा

सनस्पॉट सूर्य की सतह पर मजबूत चुंबकीय क्षेत्र वाले ग्रह के आकार के काले धब्बे हैं जिनकी वजह से सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन (CMI) जैसी विस्फोटक गड़बड़ी पैदा हो सकती है।
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नई रिपोर्ट के आधार पर वैज्ञानिकों ने बताया है कि सूरज पर जून में एक महीने के दौरान मिलने वाले सनस्पॉट की संख्या 2002 के बाद से सबसे अधिक पाई गई है।
शोधकर्ताओं ने घोषणा की है कि जून में सूर्य पर 160 से अधिक सनस्पॉट बने जो 21 वर्षों में एक महीने में उत्पन्न होने वाले सनस्पॉट की सबसे अधिक संख्या है।
"सितंबर 2002 के बाद से उच्चतम मासिक औसत सनस्पॉट संख्या जून 2023 में 163.4 थी, जो 20 से अधिक वर्षों के लिए उच्चतम है," सोलर भौतिक विज्ञानी कीथ स्ट्रॉन्ग ने ट्विटर पर कहा।
सूर्य वर्तमान में अपने 25वें सौर चक्र से गुजर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, जैसे-जैसे सौर चक्र अपने चरम पर पहुँचेगा, कुछ समय में ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ जाएगी।

सनस्पॉट का क्या महत्व है

सूर्य पर बनने वाले सनस्पॉट में सोलर फ्लेयर्स छोड़ने की ताकत होती है, जो पृथ्वी से टकरा कर कक्षा में उपग्रह संचार, जीपीएस, रेडियो संचार और यहां तक कि पृथ्वी पर विद्युत ग्रिड को भी प्रभावित कर सकती हैं।
इन फ्लेयर्स द्वारा उत्पन्न मजबूत चुंबकीय क्षेत्र के कारण उपग्रह ऑपरेटर अपने उपग्रहों का रास्ता खो सकते हैं, जिसके संभावित रूप से विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
एक अमेरिकी अंतरिक्ष पत्रिका के अनुसार 2 जुलाई को इन सनस्पॉटों में से एक ने एक मजबूत सोलर फ्लेयर उत्पन्न की जिसने पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका और प्रशांत महासागर क्षेत्र में रेडियो सेवा को कुछ समय के लिए बंद कर दिया।

सूर्य के धब्बे काले क्यों दिखाई देते हैं?

सनस्पॉटों की वजह से सूरज पर चुंबकीय क्षेत्र आंशिक रूप से कुछ ऊर्जा को सतह पर आने से रोकता है।
इसलिए वास्तव में सनस्पॉट पर तापमान सतह के अन्य हिस्सों की तुलना में कम होता है। इन स्पॉटस का तापमान जितना कम होगा यह उतना अधिक गहरा दिखाई देगा।

सनस्पॉट कितने समय तक रहते हैं?

जिन सनस्पॉट का आकार छोटा है वे कुछ दिनों में गायब हो जाते हैं, वहीं जो आकार में बड़े हैं वे संभवतः एक सप्ताह या उससे अधिक और अधिकतम कुछ महीने तक बने रह सकते हैं।
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