भारतीय मूल के इंजीनियर को अमेरिकी राज्य अलबामा में एक मिसाइल रक्षा ठेकेदार ने नौकरी से निकाल दिया था, क्योंकि उसने भारत में अपने मरणासन्न रिश्तेदार के साथ वीडियो कॉल पर हिंदी में बात की थी।
हंट्सविले मिसाइल रक्षा ठेकेदार पार्सन्स कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर अनिल वार्ष्णेय ने हाल ही में एक संघीय मुकदमा दायर किया जिसमें प्रणालीगत भेदभावपूर्ण कार्रवाइयों का आरोप लगाया गया जिससे उन्हें पिछले साल अक्टूबर में बेरोजगार होना पड़ा।
दरअसल वार्ष्णेय को साल 2022 में “उनके नजदीकी रिश्तेदार ने एक वीडियो कॉल किया था, जो भारत में मरणासन्न अवस्था में थे और उन्होंने वार्ष्णेय को अलविदा कहने के लिए फोन किया था।"
"गंभीर स्थिति को जानते हुए और कि उन्हें (गुप्ता) से दोबारा बात करने का अवसर कभी नहीं मिलेगा, वार्ष्णेय एक खाली कक्ष में चले गए और कॉल स्वीकार कर ली," मुकदमे में कहा गया।
रिपोर्ट के अनुसार, वार्ष्णेय "मानसिक पीड़ा और भावनात्मक संकट" के लिए दंडात्मक और परिसमाप्त क्षति और वकील की फीस के साथ-साथ क्षतिपूर्ति की भी मांग की है।
गौरतलब है कि वार्ष्णेय को एक बार सिस्टम इंजीनियरिंग में "वर्ष का श्रेष्ठ ठेकेदार" के रूप में सराहा गया था और उन्हें "जमीन-आधारित मिसाइल रक्षा कार्यक्रम पर 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की बचत के लिए" एमडीए का एक अनुशंसा पत्र भी मिला था।