व्यापार और अर्थव्यवस्था

भारत और रूस वोस्ट्रो खातों से रुपये निकालने के विकल्प की तलाश में हैं

नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले की मेजबानी कर रही है। इस अंतराल ‘भारतीय-रूसी आर्थिक सहयोग: अवसर और चुनौतियां’ नामक एक बैठक में रूसी उद्यमियों ने भारत और रूस के मध्य व्यापार समझौते के विषय पर चर्चा की, रूसी मीडिया ने बताया।
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इस बैठक के प्रतिभागियों ने यह विचार सामने रखा है कि रूसी तेल, कोयला, उर्वरक आदि के भुगतान के रूप में भारतीय बैंकों में ‘वोस्ट्रो’ खातों में जो भारतीय रुपये जमा किए जाते हैं, रूस उनका उपयोग अपनी संसाधन कंपनियों या उर्वरक उत्पादकों के लिए नए उपकरण खरीदने के लिए कर सकता हैं ।

"इस बैठक के दौरान जिन सवालों पर बातचीत हुई, उनमें से एक भारतीय कंपनियों से रूसी वोस्ट्रो खातों में जमा हो रहे रुपयों के पुनर्निवेश से संबंधित था, यानी भारत में इस पैसे के आधार पर कौन-सी परियोजनाएं शुरू की जाएं या रूसी कंपनियों के लिए उपकरण खरीदने के लिए उसका उपयोग कैसे किया जाए", एक रूसी उद्यमी ने खुलासा किया।

भारतीय उद्यमियों ने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण डॉलर में व्यापार बंद होने के बाद भारतीय वोस्ट्रो खाते खोलना इस कठिन परिस्थति से बाहर निकलने का एक अच्छा रास्ता बन गया है।
अगस्त की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारत और रूस के मध्य व्यापार हेतु रुपए में भुगतान करने के लिये 14 भारतीय अधिकृत डीलर बैंकों में 34 विशेष वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी है। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से कहा गया, राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान से रूस में भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
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भारतीय आंकड़ों के अनुसार 2022-2023 में भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़कर 49.3 अरब डॉलर हो गया। रूस से भारत को माल का निर्यात 4.7 गुना बढ़कर 46.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत से रूस में भारतीय वस्तुओं का आयात 3.1 अरब डॉलर हो गया।
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