हाल ही में क्रेमलिन की ओर से यह बात सामने आई है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की है।
क्रेमलिन ने कहा, "जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा की गई। समझौतों, विशेषतः ब्रिक्स के विस्तार पर जोर दिया गया, जो, निस्संदेह, अंतरराष्ट्रीय मामलों में समूह के प्रभाव के विकास में योगदान देगा।"
क्रेमलिन ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन पर भी "विचारों का आदान-प्रदान" किया।
पुतिन ने एक बार फिर मोदी को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारतीय मून मिशन यानी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की बधाई दी। दो नेता अंतरिक्ष सहयोग और आगे विकसित करने पर सहमत हुए।
बयान में कहा गया, "अंतरिक्ष क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने की तैयारी की पुष्टि की गई।"
साथ ही, क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन और मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र में परियोजनाओं को लागू करने तथा परिवहन और रसद बुनियादी ढांचे के विस्तार पर काम करने के लिए एक पारस्परिक स्वभाव व्यक्त किया है।
यूक्रेन जी20 के एजेंडे में सम्मिलित नहीं
भारत ने 1 दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी। भारत 30 नवंबर, 2023 तक एक वर्ष के लिए जी20 की अध्यक्षता करेगा। नई दिल्ली में अगले महीने 18वें जी20 शिखर सम्मेलन होने वाला है। 25 अगस्त को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जानकारी दी थी कि पुतिन की इस आयोजन में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लेने की योजना नहीं है। उनका ध्यान विशेष सैन्य अभियान पर है।
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय के अनुसार जी20 शिखर सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव कर सकता है।
कुछ समय पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से यूक्रेन मुद्दे पर किसी भी बैठक की योजना नहीं है।"