"हम हमेशा के लिए उन सभी के पराक्रम और आत्म-बलिदान का सम्मान करेंगे जो महान जीत को डॉन भूमि के करीब लाते थे। इस पवित्र दिन पर हमारे अनुभवियों को मान्यता और सम्मान के हार्दिक शब्द संबोधित किए जाते हैं। उन जैसे योग्य रूप से क्षेत्र के निवासी आज विशेष सैन्य अभियान के दौरान अपना कर्तव्य निभा रहे हैं," सन्देश में कहा गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सदियों से यह क्षेत्र देश के विकास करने और रूसी राज्य के दर्जे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहता है।
इतिहास के विशेष वीरतापूर्ण पन्ने महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध से सम्बोधित हैं, जहाँ विभिन्न राष्ट्रीयताओं के प्रतिनिधी कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई कर रहे थे। राष्ट्रपति ने उल्लैख किया कि लाल सेना द्वारा मिउस्की लाइनों को तोड़ने की सफलता, क्षेत्र के शहरों और कस्बों की मुक्ति के लिए लड़ाई लोगों की याद में बनी रहेगी।
रोस्तोव क्षेत्र में सबसे भीषण लड़ाई अक्टूबर 1941 से अगस्त 1943 तक चली। नाज़ी कमांड की योजनाओं में सोवियत संघ के दक्षिणी क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने को विशेष महत्व दिया गया था। उनके कार्यान्वयन के लिए बर्लिन ने बड़ी ताकतें आवंटित कीं। 30 अगस्त, 1943 को नाजी आक्रमणकारियों से रोस्तोव क्षेत्र की मुक्ति का दिन माना जाता है।