इंडियन ऑयल रिफाइनरियों की प्रमुख सुक्ला मिस्त्री के मुताबिक भारत के सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन कार्बन न्यूट्रैलिटी की खोज में 2030 तक अपनी प्राकृतिक गैस की खपत को ढाई गुना बढ़ाने की योजना बना रहा है।
"हमारी प्राकृतिक गैस खपत रणनीति प्राथमिक ऊर्जा खपत में गैस की हिस्सेदारी को तात्कालिक 6% से बढ़ाकर 2030 तक 15% करने के राष्ट्रीय लक्ष्य का हिस्सा है," निदेशक (रिफाइनरीज) सुक्ला मिस्त्री ने एक पश्चिमी मीडिया को बताया।
इंडियन ऑयल ने 2046 तक ऑपरेशनल उत्सर्जन को ज़ीरो करने का लक्ष्य रखा है।
कंपनी अपने रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कारोबार का भी तेजी से विस्तार कर रही है। इसके अतिरिक्त कंपनी की रिफाइनिंग क्षमता को एक तिहाई बढ़ाकर 107 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष करने की योजना है, जिसके लिए उसका 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना है।
“अगले 15-20 साल हम ईंधन की बढ़ती घरेलू मांग का लाभ उठाने के लिए समय पर रिफाइनरी विस्तार को पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं," मिस्त्री ने कहा।
याद दिलाएं कि नई दिल्ली ने 2012 में हस्ताक्षरित 20-वर्षीय समझौते के तहत 2018 में रूसी ऊर्जा दिग्गज गज़प्रोम से प्राकृतिक गैस का आयात शुरू किया था।
2019 में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEF) के दौरान अपनी बैठक के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जारी संयुक्त बयान में भारतीय गैस वितरण बाजार में रूसी कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया।
भारत ने ईरान से प्राकृतिक गैस का आयात करने में भी रुचि व्यक्त की है, जिस में भी विशाल गैस भंडार है।