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आज रूस के सोची में पुतिन और एर्दोगन किस विषय पर बातचीत करेंगे?

सोमवार (4 सितंबर) को रूस के सोची शहर में रूस और तुर्की के राष्ट्रपतियों, व्लादिमीर पुतिन और रिसेप तईप एर्दोगन, के बीच वार्तालाप होगा। इस साल मई में तुर्की के राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगन की जीत के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी।
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होने वाली बैठक के एजेंडे में कौन से सवाल सम्मिलित होंगे, रूस और तुर्की राष्ट्रपतियों के बीच की बैठक की पूर्व संध्या पर राजनीतिक विशेषज्ञ, तुर्की के माल्टेप विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विभाग के प्रोफेसर हसन उनल ने Sputnik को एक साक्षात्कार में यह कहा।

काला सागर अनाज सौदे पर चर्चा

हसन उनल के अनुसार पुतिन और एर्दोगन अपनी बातचीत में काला सागर अनाज निर्यात समझौते पर सबसे बड़ा ध्यान देंगे।

विशेषज्ञ ने कहा, “इस समझौते की समाप्ति और रूस के इससे हटने के कारण एक नए तंत्र के गठन की आवश्यकता है। ज़ाहिर है कि यूक्रेन जो चाहता है कि उसका अनाज रोमानिया और बुल्गारिया देशों के क्षेत्रीय जल से होकर [बोस्फोरस और डार्डानेल्स] जलडमरूमध्यों तक जाए, इस तरह यह तंत्र काम नहीं कर सकता। यह बहुत खतरनाक है।"

हसन उनल ने आगे कहा, रूसी अनाज तुर्की में आ सकता है। वहां इसे संसाधित किया जाएगा, और इसके बाद दूसरे देशों में तुर्की के माध्यम से अनाज का पुनः निर्यात किया जा सकता है। जहां तक रूसी बंदरगाहों से रूसी अनाज आपूर्ति की सुरक्षा की बात है, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि यूक्रेन रूसी जहाजों पर हमला न करे।
A dump track unloads grain in a granary in the village of Zghurivka, Ukraine, Aug. 9, 2022.
हसन उनल ने याद दिलायी कि अनाज सौदे के तहत रूस की लगाई शर्तें पूरी नहीं हुईं। रूस ने बार-बार कहा है कि सौदे को जारी रखने के लिए पश्चिम को पहले अपने दायित्वों को पूरा करना होगा। विशेषज्ञ के अनुसार, फिलहाल ऐसा लगता है कि यूक्रेन पश्चिम के हितों का प्रवक्ता होने के नाते, अनाज समझौते में बहुत दिलचस्पी नहीं रखता है।

विशेषज्ञ ने अनुमान लगाया, "रूस और तुर्की एक अलग अनाज समझौता कर सकते हैं। शायद यूक्रेन भी इसमें भाग लेगा। इस प्रकार, यूक्रेनी अनाज का तुर्की के माध्यम से पुनः निर्यात किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए इस गलियारे से गुजरने वाले जहाजों पर हमला न करने की आपसी गारंटी लेनी होगी। दोनों नेताओं की आगामी बैठक में यह मुद्दा अहम होगा।"

रूसी-तुर्की द्विपक्षीय रिश्ते

हसन उनल ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा कि पुतिन और एर्दोगन के बीच चर्चा का एक और विषय क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित होगा।

विशेषज्ञ ने कहा, “रूस और तुर्की के बीच संबंधों में बड़ी संख्या में ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर चर्चा की आवश्यकता है: गैस हब बनाना, व्यापार, आर्थिक संबंध, परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण [...] तथा सीरियाई मुद्दा यानी तुर्की-सीरियाई संबंधों का सामान्यीकरण।"

ये सवाल हैं जिन पर दोनों नेताओं के बीच विचार किया जाएगा, हसन उनल ने अपनी बात पूर्णतः समाप्त करते हुए कहा।
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