भारत-रूस संबंध
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मास्को में हो रहा रूस-भारत व्यापार मंच 2023, जानें बिज़नेस फ़ोरम की मुख्य बातें

20 सितंबर को रूस की राजधानी मास्को में रूस-भारत बिजनेस फ़ोरम आयोजित किया गया है। फ़ोरम का मुख्य उद्देश्य भारतीय-रूसी व्यापार संबंधों को मजबूत करना और रूसी बाजार में भारतीय कंपनियों के प्रवेश का समर्थन करना है।
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रूस और भारत के व्यापार के प्रतिनिधि मास्को में रूस-भारत व्यापार मंच 2023 में मिले। दोनों देशों के व्यापारियों के बीच जिन सवालों पर विचार किया जाएगा, वे फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य सेवा, भारी उद्योग, रसायन और बायोस्टिमुलेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और अर्धचालक, कृषि आधारित उद्योग और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से संबंधित हैं।
राजधानी मास्को में आयोजित रूस-भारत बिजनेस फोरम में बोलते हुए "बिजनेस रूस" संगठन के अध्यक्ष पावेल टिटोव ने कहा कि भारत रूस के प्रमुख साझेदारों में से एक है, राजनीति और व्यापार में बातचीत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

टिटोव ने कहा, “[भारत और रूस के बीच] व्यापार तीन गुना बढ़ गया है। मुझे गहरा विश्वास है कि आर्थिक संबंधों के विस्तार के लिए काफी संभावनाएं हैं।”

रूसी व्यवसायी ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि पश्चिमी कंपनियों के रूस को छोड़कर चले जाना भारतीय कंपनियों के लिए रूसी बाजार में आने का एक शानदार अवसर है।
वहीं, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मेहुल मोहनका ने अपनी बात सामने रखी। उन्होंने कहा कि रूस भारत का एक पुराना और विश्वसनीय साझेदार रहा है। मोहनका ने भारत और रूस के बीच के बढ़ते व्यापार को लेकर कहा कि राष्ट्रीय मुद्राओं में निपटान बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “भारत रूस को एक दीर्घकालिक और विश्वसनीय सहयोगी और मित्र के रूप में देखता है जो हमारे विकास में मदद करता है। हम तकनीकी विकास में भारी प्रगति देख रहे हैं।”
रूसी निर्यात केंद्र (आरईसी) के विदेशी नेटवर्क विकास निदेशक दिमित्री प्रोखोरेंको ने भी आयोजन में भाग लिया। उन्होंने कहा, रूसी कंपनियां भारतीय बाजार में काफी रुचि रखते हैं, भारत के साथ सहयोग आरईसी की प्राथमिकताओं में से एक है।

उन्होंने कहा, “2022 में लगभग 400 कंपनियों ने हमसे संपर्क किया (…) हमने सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच (SPIEF) में इन्वेस्ट इंडिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।”

उन्होंने यह भी कहा कि आरईसी ने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए रूसी उत्पादों को ढूंढना आसान बनाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक कैटलॉग परियोजना बनाई है। प्रोखोरेंको ने सभी भारतीय कंपनियों से इस परियोजना में भाग लेने का आह्वान किया।
जयपुर फार्मा कंपनी के मालिक डॉ. यतीश शर्मा ने कहा, रूस के लिए भारत के साथ विभिन्न क्षेत्रों, विशेषतः औषध उद्योग में सहयोग करना फायदेमंद है।

"हमारी कीमतें अमेरिकी कीमतों से 60 प्रतिशत कम हैं, यूरोपीय देशों की कीमतों से 50 प्रतिशत कम हैं। इस वजह से रूस के फार्मास्युटिकल खरीदारों को भारत से खरीदारी करनी चाहिए"।

औषधिविज्ञान को लेकर भारत में व्यापार राजदूत ओल्गा कुलिकोवा ने Sputnik India के संवाददाता को बताया कि वर्तमान में यह बड़ी दिलचस्पी का विषय है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अलावा खाद्य पदार्थ, जई, मसाले और फल भी एजेंडे में हैं।

उन्होंने आगे कहा, "यान्त्रिक अभियान्त्रिकी, मशीन टूल उद्योग और परिवहन में काफी संभावनाएं हैं।"

विशेषज्ञ लवलीश तनेजा ने कहा कि औषध उद्योग में काफी अच्छी हलचल चल रही है। उनके अनुसार बहुत से भारतीय व्यवसायी रूसी बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं।
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के विशेषज्ञ संजय जैन ने कहा, उम्मीद है कि रूस और भारत सार्थक सहयोग करते रहेंगे। अनुमान है कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होंगे।
साथ ही उन्होंने कहा, "बॉलीवुड फिल्में लोगों को एक साथ लाती हैं। मैं अधिक बॉलीवुड फिल्में देखने की सलाह देता हूं।"
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