मंत्रालय ने लवरोव और गुटेरेस के मध्य की बैठक को लेकर कहा, "संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उन पहलों में भाग लेने से परहेज करने पर ध्यान आकर्षित किया गया, जिनमें सभी पक्ष सम्मिलित नहीं हैं।"
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि लवरोव ने "विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के सांख्यिकीय और अन्य दस्तावेजों में 'दोहरे मानकों' की अस्वीकार्यता पर बल दिया।"
बैठक के दौरान लवरोव और गुटेरेस ने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ रूस-संयुक्त राष्ट्र सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया। बयान में कहा गया है कि रूसी मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व और उसके सभी कर्मचारियों को निष्पक्षता के सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
लवरोव ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से यूक्रेन संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों को किसी भी राजनीतिक पहल में सम्मिलित न होने का भी आग्रह किया।
मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया कि लवरोव और गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर भी चर्चा की। रूसी मंत्री ने बल देकर कहा कि सुधार करने के लिए सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों की राय को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि विश्व संगठन की अंतर-सरकारी प्रकृति को संरक्षित करना भी महत्वपूर्ण है।
साथ ही ज्ञात हुआ है कि रूस ने 2024 में भविष्य की शिखर बैठक में भाग लेने तथा इसकी अंतिम दस्तावेज़ ‘भविष्य के लिए समझौते’ पर काम करने की इच्छा जताई।
लवरोव ने गुटेरेस से अमेरिका के विरुद्ध मध्यस्थता प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया
मंत्रालय के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ मुलाकात करते समय लवरोव ने गुटेरेस से अमेरिका के विरुद्ध मध्यस्थता प्रक्रिया प्रारंभ करने का आह्वान किया।
मंत्रालय ने कहा, "लवरोव ने 1947 के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय समझौते के अंतर्गत अमेरिका द्वारा अपने ही दायित्वों के लगातार उल्लंघन की ओर महासचिव का ध्यान आकर्षित किया। इसमें संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में भाग लेने के लिए रूस और अन्य देशों के राजनयिकों को वीजा देने से इनकार करना भी सम्मिलित है।"
लवरोव ने कहा कि "तात्कालिक स्थिति को लेकर एंतोनियो गुटेरेस को अमेरिका के विरुद्ध शीघ्र से शीघ्र मध्यस्थता प्रक्रिया प्रारंभ करने की आवश्यकता है, इसके बारे में संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र प्रस्तावों में बार-बार कहा गया है।"