कनाडा में भारतीय प्रवासियों ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत के विरुद्ध लगाए गए कथित आरोपों को "बेहद गैर-जिम्मेदाराना" करार दिया है।
"संसद में प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा की गई घोषणा कुछ ऐसी थी जिसे आसानी से टाला जा सकता था और वह आसानी से राजनयिक चैनलों का अनुसरण कर सकते थे," भारतीय-कनाडाई व्यवसायी रवि शर्मा ने कहा।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा, "जैसे ही घोषणा की गई, कनाडा में हिंदू समुदाय सतर्क हो गया और इसका तत्काल प्रभाव पड़ा कि लोगों को लगा कि वे संकट में हैं और वे बयान के कारण भयभीत थे। संसद में जो कहा गया, उससे ऐसा लगा मानो किसी हिंदू सरकार ने किसी सिख नेता की हत्या कर दी हो।"
"एक ऐसा तंत्र होना चाहिए जो इस मामले की पूर्ण, गहन और निष्पक्ष जांच करे। मामला और पूरे नतीजे जनता के सामने रखें ताकि जनता की राय को सुधारा जा सके या जनता की राय को बदला जा सके ताकि पता चल सके कि वास्तव में क्या हुआ और यह हत्या कैसे हुई," शर्मा ने कहा।
इस मध्य इंडो-कनाडाई व्यवसायी गीता भदौरिया ने कहा कि भारत के खिलाफ ट्रूडो के आरोप पूर्वाग्रहों से भरी थी। कोई ठोस सुराग या वास्तविक जानकारी नहीं थी जिससे कनाडाई जनता जुड़ सके और समझ सके कि क्या हो रहा है।"
ज्ञात है कि न्यूयॉर्क में एक चर्चा में बोलते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, कनाडा ने अभी तक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है। पिछले कुछ वर्षों में कनाडा में बहुत सारे "संगठित अपराध" हुए हैं और भारत सरकार ने इस संबंध में कनाडा को कई जानकारी दी है।
बता दें कि प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF)* के प्रमुख और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक हरदीप सिंह निज्जर की इस वर्ष 18 जून को पश्चिमी कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
*खालिस्तान आंदोलन से जुड़े आतंकी संगठन है जो भारत में प्रतिबंधित है।